फरीदाबाद: अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए पुलिस वालों को कई वर्षों तक कोर्ट कचहरी में चक्कर लगाने पड़ते हैं लेकिन पुलिस जनता को न्याय दिलाने के लिए अपनी ड्यूटी निभाती है, क्राइम ब्रांच DLF के प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार ने पत्नी के हत्यारे को उसके अंजाम तक पहुंचाया है, FIR 705, पत्नी की हत्या के मामले में दोषी उमेश को कंचन माही की कोर्ट ने उम्र कैद व 15 हजार जुर्माने की सजा सुनायी है.
इस मामले में सराय पुलिस थाने में मामला (705 Date 26-10-16 u/s 346, 302, 201 IPC) दर्ज था.
दोषी का विवरण
उमेश पुत्र रतन लाल, निवासी - मकान नंबर - 309अशोका मेन सराय, पुलिस स्टेशन सराय, जिला फरीदाबाद.
शादी के 4 महीनें बाद की पत्नी की हत्या
उपरोक्त आरोपी की शादी घटना से 4 महीनें पहले हुई थी. आरोपी अपनी पत्नी के चरित्र पर शुरू से शक करने लगा और जैसे जैसे समय आगे बढता गया शक ओर गहरा होता गया। इसी के चलते दिनांक 25/10/16 को जब परिवार के बाकी सदस्य मथुरा भागवत कथा मे गये हुए थे तो आरोपी ने अपनी पत्नी को कोचिंग सेंटर से बाईक पर बैठा कर अपने हरकेश नगर वाले प्लाट मे ले जाकर हत्या को अंजाम दे दिया और शव को रस्सी से बांधकर बैग में डालकर प्लाट मे ही बनी लेटरीन मे रख दिया।
उसके बाद आरोपी ने 2 दिन तक बाईपास रोड सेक्टर - 35 के साथ लगती ग्रीन बेल्ट में पेड़ो के बीच गड्ढे की खुदाई की ताकि शव को दबा सके. 2 दिन बाद अपने घर से वैगन-आर कार में डालकर गड्ढे मे दबाने के लिये चल पड़ा लेकिन जाम होने की वजह से बुढिया नाले में ही फेंक दिया था।
आरोपी के परिवार वालों ने बहू की गुम होने की FIR दर्ज करवाई थी ओर उस समय के पुलिस आयुक्त डाक्टर हनीफ़ कुरैशी के सामने पेश होकर बहू तलाश करने के लिए फाइल उस समय के बदरपुर बार्डर इंचार्ज निरीक्षक नवीन कुमार को जाँच दी थी.
पुलिस PRO सुबे सिंह ने बताया कि दीपिका का शव सेक्टर - 31 स्थित बुढ़िया नाले में मिलने पर सुसराल पक्ष ने पहचानने से इनकार कर दिया था. दीपिका का शव मिलने के बाद सराय थाना पुलिस, सेक्टर - 31 थाना पुलिस व उस समय के क्राइम ब्रांच DLF इंचार्ज निरीक्षक जयबीर ने उमेश से पूछताछ कर ली थी लेकिन उसे मामले में फारिग किया था.
नवीन कुमार ने सुलझाया मामला
बाद में अचानक निरीक्षक नवीन कुमार आरोपी के घर रात को अपने गनमैन के साथ जा पहुंचे और आरोपी को कहा कि दीपिका का मर्डर आपने ही किया है ओर खुद गुमशुदगी लिखवा दी। इस पर आरोपी कुछ देर तक कोई जवाब नही दे पाया ओर बाद में कहने लगा कि हाँ मैंने ही अपनी पत्नि की हत्या करके शव बैग में डालकर बुढ़िया नाले में फेंका था और इस प्रकार निरीक्षक नवीन कुमार ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया ओर केश की पैरवी करते हुऐ अच्छी गवाही दी और आखिरकार कंचन माही मजिस्ट्रेट ने फैसला दिया और आरोपी को दिनांक 20/12/18 को उम्र कैद की सजा सुना दी।
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