हथीन: 20 दिसम्बर को हथीन में नकुल नाम के एक युवक पर गोली चलने की खबर आयी थी, नकुल को गंभीर हालत में फरीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था जहाँ उसका इलाज चल रहा है लेकिन अब नकुल की हालत खतरे से बाहर है और उसनें बयान दिया है, इससे पहले पुलिस ने कांस्टेबल के बयान पर FIR लिखी थी लेकिन उसमें कुछ अलग कहानी थी जबकि नकुल के बयान में गोली मारने की अलग वजह बतायी गयी है. हम नकुल का बयान नीचे लिख रहे हैं -
मैं हथीन, हरियाणा का रहने वाला हूँ, घर में मैं, मेरी दो बहन और माँ-बाप हैं, मेरी पिता खेती-बाड़ी करते हैं, मैं 11वीं कक्षा सहरावत सीनियर सेकंडरी स्कूल, हथीन में पढता हूँ तथा इसी स्कूल में मेरे साथ विवेक, सारांश एवं प्रदीप भी 11वीं कक्षा के छात्र हैं.
दिनांक 23.11.2018 को गाँव कोंडल, जिला पलवल में मेला था, उस दिन मेरे गाँव युवराज उर्फ़ योगी, विवेक मोटरसाइकिल पर सवार होकर आये तथा मुझे कहने लगे कि हम दोनों मेला देखने गाँव कोंडल चलते हैं तो हम तीनों गाँव से मोटर साइकिल पर सवार होकर गाँव कोंडल के लिए चल दिए. मोटर साईकिल को युवराज उर्फ़ योगी चला रहा था, विवेक बीच में बैठा हुआ था, तथा मैं पीछे बैठा हुआ था, हम मोटरसाइकिल पर हथीन पहुंचे तो रास्ते में युवराज उर्फ़ योगी ने मोटरसाइकिल रोकी तथा एक दम तेजी से स्टंट मारते हुए चलने लगा तो मैं पीछे गिर गया तथा मुझे मामूली चोट आयी, मैंने युवराज उर्फ़ योगी से कहा कि तूने ऐसा क्यों किया, अगर मैं सर के बल गिर जाता तो मेरी मौत हो सकती थी, तो युवराज उर्फ़ योगी ने मुझे गाली दी तथा मुझे गाली देकर कहा - तुझे चलना है तो चल वरना वापस चला जा, उसके बाद मेरी युवराज उर्फ़ योगी से हाथापाई हो गयी, उसके बाद ये लोग मुझे हथीन में शान्ति निकेतन स्कूल के पास छोड़कर चले गए. युवराज मुझे धमकी देकर गया कि इस बात का जवाब हम तुझे फिर कभी देंगे.
उसी दिन से ये लोग मुझसे रंजिश रखने लगे, दिनांक 20.12.2018 को मैं अपने घर पर था, मेरे मोबाइल 9991039375 पर प्रदीप निवासी गहलव का उसके मोबाइल नंबर 9991310129 से समय करीब 5.00 बजे शाम को मिस कॉल आया, उसके बाद मैंने अपने मोबाइल नंबर से विवेक के मोबाइल नंबर 9671809628 पर बात की तो विवेक ने मुझे कहा कि तू हथीन आजा, हमें हथीन में कपडे खरीदने हैं, तू हमें हथीन में आकर मिल, हमारे साथ कपडे खरीदने बाजार में चलना है, मैंने कहा - मेरे पास वहां आने के लिए कोई साधन नहीं है तो विवेक ने कहा - तू पैदल चलकर आधे रास्ते आजा, हम तुझे आकर रास्ते में ले लेंगे, मैं उसके कहने पर गाँव से पैदल-पैदल चलकर दादा गुलाब शाह पीर के पास हथीन पंहुचा, वहां पर प्रदीप, विवेक मोटरसाइकिल पर सवार होकर आये, विवेक ने मुझसे कहा - तू कुछ देर यहीं रुक जा, हम कुछ खाकर आते हैं. मैंने कहा - मैं भी चलूँगा तो विवेक ने कहा नहीं, तू यहीं रुक, हम जल्दी आते हैं, इसके करीब 20 मिनट बार विवेक एवं प्रदीप मोटरसाइकिल पर सवार होकर आये और हम तीनों मोटरसाइकिल पर सवार होकर देवी राम पंडित के मकान के पीछे गली में समय करीब 6:30 शाम हथीन पहुंचे, मोटरसाइकिल को प्रदीप चला रहा था, देवी राम पंडित के मकान के पीछे युवराज उर्फ़ योगी एवं सारांश खड़े मिले, युवराज उर्फ़ योगी ने मुझे धमकी दी कि आज तुझसे दिनांक 23.11.2018 को हुए झगडे का बदला लेते हैं, आज हम तुझे जिन्दा नहीं छोड़ेंगे, इन सभी ने मुझे क्षणयंत्र के तहत विवेक ने मेरा एक हाथ व सारांश ने मेरा दूसरा हाथ पकड़ लिया, युवराज उर्फ़ योगी ने अपनी पैंट की जेब से रिवाल्वर निकाला तथा प्रदीप को दे दिया, उसनें प्रदीप से कहा - रिवाल्वर में गोली डाली हुई है, तू नकुल के माथे में मार दे, प्रदीप ने रिवाल्वर मेरे माथे की तरफ तान दिया और फायर कर दिया, मैंने एकदम अपना सर बाँई तरफ कर लिया तो गोली मेरे मुंह के दाहिने जबड़े में घुस गयी, मेरे जबड़े में से खून बहने लगा, उसके बाद युवराज प्रदीप के हाथ से रिवाल्वर लेकर सारांश के साथ भाग गया, उसके बाद मुझे प्रदीप और विवेक अपनी मोटरसाइकिल पर बिठाकर हमारे गाँव के नाले की तरफ चल दिए, प्रदीप ने कहा - यह मर सकता है, इसे नाले में फेंक देते हैं, इसके बाद एकदम मोटर साइकिल की लाइट मेरे ताऊ के लड़के हरकिशन पर पड़ी, मैंने प्रदीप से कहा - बाइक रोक, इसके बाद प्रदीप मेरे ताऊ के लड़के को देखकर घबरा गया और बाइक रोक दी.
उसके बाद मैंने अपने ताऊ के लड़के को आवाज लगाई तो हरकिशन मेरे पास आया, मैंने हरकिशन को सारी बात बतायी तो उसनें उसी मोटरसाइकिल पर सवार होकर मुझे पहले हरी राम हॉस्पिटल हथीन ले गए जहाँ पर डॉक्टर ने मुझे फर्स्ट एड दी, इसके बाद मेरे ताऊ का लड़का विकास मेरे पास पहुंचा और मुझे सरकारी हॉस्पिटल ले गए जहाँ मेरी मेडिकल रिपोर्ट तैयार की गयी, सरकारी हॉस्पिटल में हथीन थाना से पुलिस आयी, मेरे से पूछताछ करने लगी लेकिन मैं घबराया हुआ था इसी कारण मैं बयान नहीं दे सका. इसके बाद मुझे AIMS दिल्ली रेफर कर दिया गया, मेरे परिवार वाले सरकारी हॉस्पिटल हथीन पहुंचे तो मुझे अपने वाहन से सरकारी हॉस्पिटल पलवल ले आये जहाँ पर मेरा CT Scan हुआ, वहां से हम दिल्ली AIMS के लिए निकले तो फरीदाबाद पहुँचने पर मेरी तवियत अधिक खराब हो गयी, इसके बाद मुझे सेक्टर-8 सर्वोदय हॉस्पिटल में दाखिल किया गया, डॉक्टरों से मेरा ऑपरेशन करके जबड़े में फंसी बुलेट को निकाला.
उपरोक्त दोषीगण ने मुझे दिनांक 20.12.2018 को मेरे घर से क्षणयंत्र के तहत हथीन बुलाकर मुझे गली में बंदी बनाकर युवराज उर्फ़ योगी ने अपने साथियों विवेक, प्रदीप व सारांश के साथ मिलकर मेरी हत्या करनी चाही, इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए.
इससे पहले FIR में कुछ और कहानी लिखी हुई थी जिसे आप नीचे FIR में पढ़ सकते हैं.
फरीदाबाद: