फरीदबाद: 2011 में पलवल के पास हथीन के एक गांव के लोग बहुत खुश थे जब गांव के एक युवक सुनील सेना में भर्ती हुए थे लेकिन आज पूरा गांव विलख रहा था क्योंकि अब उनका प्यार दुलारा सुनील इस दुनिया में नहीं रहा.
आज तिरंगे में लिपटा सुनील का शव गांव में पहुंचा। मालुम हो कि आगरा के मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में युद्धक विमान एनएन 32 से जंप के दौरान हथीन के गहलब गांव के लांस नायक सुनील कुमार सहरावत (27 वर्ष) की मौत हो गयी. आज उनके मृतक शरीर को उनके पैतृक गांव लाया गया जहाँ अपर राजकीय सम्मान के साथ हजारों की संख्या में लोगों ने नम आंखों से विदाई दी। सेना की टुकड़ी ने शोक संगीत के साथ हवा में गोलियां दागकर उनको अंतिम सलामी दी।
अपने ताऊ अनिल की गोद में सुनील कुमार के डेढ़ वर्षीय बेटे तनिष ने चिता को मुख अग्नि दी। पूरे गांव में इस दौरान गम का माहौल था। इससे पहले आगरा से एंबुलेंस में लाए गए शव को औरंगाबाद से सुनील कुमार अमर रहे, इंकलाब जिंदाबाद के नारों के साथ सैकड़ों की संख्या में युवा लाए। घटना के बाद से पूरा गांव सदमे में हैं।
सुनील कुमार सहरावत जाट रेजिमेंट में अक्टूबर 2011 में सेना में भर्ती हुआ था, सुनील ने पैरा ट्रेनिंग स्कूल आगरा से की थी। शुक्रवार को दिन में लगभग 11 बजे ट्रेनिंग के दौरान आठ हजार फीट से जंप (फ्री फाल) कर रहे थे। रक्षक बैग की पट्टी में फंसने से पैराशूट नहीं खुला, और इसके बाद रिजर्व पैराशूट भी नहीं खुल सका। इससे सुनील ड्रॉपिंग जोन में गिर गए। ऊंचाई ज्यादा होने के कारण उनकी मौत हो गई। शनिवार को उनके शव को गांव लाया गया। गांव में सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया।
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