फरीदाबाद 16 सितंबर: फरीदाबाद जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एवं शहर के वरिष्ठ वकील एल एन पराशर ने अरावली कब्जा मुक्त अभियान शुरू किया है, वह अरावली के अवैध खनन एवं सब्जा करने वाले भू माफियाओं के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, साथ ही प्रशासन और फॉरेस्ट अफसरों की पोल भी खोल रहे हैं.
आज इसी सिलसिले में वकील LN पाराशर ने अरावली पर्वत के बीचों बीच स्थित खूनी झील का पैदल दौरा किया और वहीं पर प्रेस वार्ता करके भूमाफियाओं एवं प्रशासनिक एवं फारेस्ट अफसरों की मिलीभगत से बनी झील पर प्रतिक्रिया दी.
वकील पाराशर ने कहा कि यह झील नेताओं और अधिकारियों के भ्रष्टाचार का जीता जागता सबूत है, अवैध खनन की वजह से जो पानी बड़खल झील में भरना चाहिए था वह पानी इस खूनी झील में भरने लगा और बड़खल झील सूख गई.
वकील पाराशर ने कहा कि प्रशासन को झुग्गियों की खबर 2 मिनट में मिल जाती है और jcb मशीन लेकर उसे तोड़ने पहुंच जाती है लेकिन यहां पर 15 - 20 वर्षों तक अवैध खनन होता रहा और प्रशासन गहरी नींद में सोता रहा. हैरान करने वाली बात यह भी है कि यहां पर फॉरेस्ट अफसर भी लगातार ड्यूटी दे रहे हैं इसके बावजूद भी यहां पर अवैध खनन होता रहा. इनकी देखरेख में भ्रष्टाचारियों ने अरबों रुपए लूट लिए और शहर को बर्बाद कर दिया.
वकील पाराशर ने कहा कि मैं अवैध अवैध खनन कराने वालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाकर शिकायत करूंगा और इनके खिलाफ कार्यवाही की मांग करूंगा. इनकी वजह से आज शहर के 20- 25 लाख लोग प्रदूषण के शिकार हो रहे हैं, इनकी वजह से बनी खूनी झील में हर महीने लोग मौत के शिकार होते हैं, उन लोगों की मौत का जिम्मेदार भी प्रशासन है.
वकील पाराशर ने यह भी सुझाव दिया कि इस झील को अब भरा नहीं जा सकता लेकिन लोगों को मौत से बचाने के लिए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. सरकार को इस में बोटिंग की सुविधा करनी चाहिए ताकि सरकार की कमाई भी हो और शहर के लोगों को एक सुंदर झील देखने का मौका भी मिले, लोगों को डूबने से बचाने के लिए यहां पर गोताखोर भी बिठाए जाने चाहिए.
वकील पाराशर ने यह भी सुझाव दिया कि इस झील को अब भरा नहीं जा सकता लेकिन लोगों को मौत से बचाने के लिए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. सरकार को इस में बोटिंग की सुविधा करनी चाहिए ताकि सरकार की कमाई भी हो और शहर के लोगों को एक सुंदर झील देखने का मौका भी मिले, लोगों को डूबने से बचाने के लिए यहां पर गोताखोर भी बिठाए जाने चाहिए.
Post A Comment:
0 comments: