फरीदाबाद, 9 सितम्बर: सरकार ने अदालतों से वर्कलोड हटाने के लिए पुराने मामलों को निपटाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत की व्यवस्था की है, कल फरीदाबाद में राष्टीय लोक अदालत लगायी गयी थी लेकिन कोर्ट के वरिष्ठ वकील एल एल पाराशर ने इसमें भी कई खामियां गिना दीं, उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का जनता को फायदा नहीं मिल रहा है क्योंकि इसमें उन मामलों को निपटाया जा रहा है जो रोजाना निपटाए जाते हैं जैसे ट्राफिक चालान का भुगतान, चेक बाउंस के मामले आदि.
आज अखबारों में खबर छपी है जिसमें लिखा गया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर कल सेक्टर-12 स्थित कोर्ट परिसर और नीमका जेल में शनिवार को लगी लोक अदालत में 1058 मुकदमों का निस्तारण किया गया, इनमें 248 बैंक रिकवरी, 136 फौजदारी, 480 बिजली बोर्ड, 6 श्रम विभाग, 13 दीवानी, 11 चेक बाउंस, 155 समरी चालान आदि के थे.
वकील पाराशर ने कहा कि बैंक रिकवरी, बिजली बोर्ड, ट्रैफिक चालान जैसे मामले तो रोजाना निपटाए जाते हैं लेकिन इन्हें राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन निपटाकर सिर्फ संख्या बढ़ाई गयी है.
उन्होंने कहा कि अगर लीगल ऐड के अधिकारियों ने जनता को राष्ट्रीय लोक अदालत की सूचना भेजी होती, पहले से अखबारों में इश्तिहार दिए होते तो अधिक मामले निपटाए जा सकते थे लेकिन यहाँ पर सिर्फ खानापूर्ति की गयी है, जनता को राष्ट्रीय लोक अदालत का फायदा नहीं मिल पाया.
वकील पाराशर ने कहा कि मैं कल RTI के जरिये पिछले तीन साल की जानकारी मांगूंगा जिसमें -
- फरीदाबाद कोर्ट में पहली राष्ट्रीय लोक अदालत कब लगाई गयी
- पिछले तीन साल में राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाए गए मामलों की डिटेल
- कितने तरह के मामले निपटाए गए, एक्ट वाइज और केस वाइज डिटेल
- लीगल ऐड पर कितने पैसे खर्च किये गए
उन्होंने कहा कि भ्रष्ट व्यवस्था की वजह से जनता को राष्ट्रीय लोक अदालत का फायदा नहीं मिल रहा है, अगर पहले से इसकी सूचने दी जाए और मुनादी करवाई जाए तो अधिक मामलों को निपटाया जा सकता है लेकिन फरीदाबाद में ऐसा नहीं हो रहा है जिसकी शिकायत मैं ऊपर वालों से करूँगा.
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