फरीदाबाद, 28 अक्टूबर: फरीदाबाद नगर निगम को पहले फरीदाबाद नरक निगम कहा जाता था लेकिन तीन साल पहले राज्य में बीजेपी की सरकार बनने पर कुछ महीनों के लिए माहौल बदला, उस समय विधायक भी अपने इलाकों में घूमते थे इसलिए नगर निगम के कर्मचारियों में थोडा डर रहता था लेकिन जब नेताओं और विधायकों पर सत्ता का नशा छा गया तो उन्होंने अपने इलाकों में घूमना बंद कर दिया.
जब विधायकों ने अपने इलाकों में घूमना बंद कर दिया तो नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने सफाई करना बंद कर दिया, अब अधिकतर जगहों पर नगर निगम के कर्मचारी ना तो सफाई करते हैं और ना ही कूड़ा उठाते हैं, उन्हें यह काम करने के लिए सैलरी तो मिलती है लेकिन गलियों में सफाई और कूड़ा उठाने के लिए वह अलग से गली वालों से पैसे मांगते हैं.
अब नगर निगम के सफाई कर्मियों ने पैसों के लालच में काम करना लगभग बंद कर दिया है जिसका नतीजा है कि शहर में जगह जगह कूड़े इकठ्ठे हो गए हैं, हर जगह गन्दगी दिखाई देती है, ऐसा लगता है कि नगर निगम के सफाई कर्मियों ने काम ना करने और कूड़े ना उठाने की कसम खा ली है.
कहने का मतलब है कि बीजेपी सरकार आने के बाद चार दिन तक तो चांदनी रही, लेकिन अब फिर से अँधेरी रात हो गयी है, मतलब फरीदाबाद नगर निगम फिर से फरीदाबाद नरक निगम हो गया है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसी शहर से स्वच्छता अभियान शुरू किया था लेकिन वर्तमान में पूरा शहर समय कूड़े के ढेर पर पड़ा है।
नगर निगम साफ़ सफाई करवाने में पूरी तरह फेल हो गया है। शहर में मजदूर तबका ज्यादा है, कई बड़ी कालोनियों में लाखों मजदूर रहते हैं जो विभिन्न छोटे बड़े उद्योगों में काम करते हैं। वर्तमान समय में यहाँ के लोग बड़ी बड़ी बीमारियों का प्रकोप झेल रहें हैं.
जब विधायकों ने अपने इलाकों में घूमना बंद कर दिया तो नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने सफाई करना बंद कर दिया, अब अधिकतर जगहों पर नगर निगम के कर्मचारी ना तो सफाई करते हैं और ना ही कूड़ा उठाते हैं, उन्हें यह काम करने के लिए सैलरी तो मिलती है लेकिन गलियों में सफाई और कूड़ा उठाने के लिए वह अलग से गली वालों से पैसे मांगते हैं.
अब नगर निगम के सफाई कर्मियों ने पैसों के लालच में काम करना लगभग बंद कर दिया है जिसका नतीजा है कि शहर में जगह जगह कूड़े इकठ्ठे हो गए हैं, हर जगह गन्दगी दिखाई देती है, ऐसा लगता है कि नगर निगम के सफाई कर्मियों ने काम ना करने और कूड़े ना उठाने की कसम खा ली है.
कहने का मतलब है कि बीजेपी सरकार आने के बाद चार दिन तक तो चांदनी रही, लेकिन अब फिर से अँधेरी रात हो गयी है, मतलब फरीदाबाद नगर निगम फिर से फरीदाबाद नरक निगम हो गया है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसी शहर से स्वच्छता अभियान शुरू किया था लेकिन वर्तमान में पूरा शहर समय कूड़े के ढेर पर पड़ा है।
नगर निगम साफ़ सफाई करवाने में पूरी तरह फेल हो गया है। शहर में मजदूर तबका ज्यादा है, कई बड़ी कालोनियों में लाखों मजदूर रहते हैं जो विभिन्न छोटे बड़े उद्योगों में काम करते हैं। वर्तमान समय में यहाँ के लोग बड़ी बड़ी बीमारियों का प्रकोप झेल रहें हैं.
पिछले साल भी यहाँ डेंगू, चिकनगुनिया के प्रकोप ने लाखों लोगों के हाँथ-पैर तोड़ दिए थे, इस साल भी ऐसा संभव है। नगर निगम ऐसा क्यू कर रहा है, क्या भाजपा सरकार से कोई दुश्मनी निकाल रहा है, यह भी हो सकता है कि नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी बीजेपी सरकार को यहाँ से उखाड़ना चाहते हों क्योंकि साफ़ सफाई ना होने से बीजेपी सरकार की बदनामी हो रही है.
यहाँ केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री भी हैं लेकिन लगता है नगर निगम में इनके आदेश नहीं चलते। दिन भर मीडिया के पास लोग साफ़ सफाई के लिए फोन करते हैं। मीडिया गंदगी की खबर ही छाप सकती है झाड़ू तो नगर निगम के कर्मचारी ही लगाएंगे जो लगाते ही नहीं हैं।
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