खैर इस मामले में दोषी को दजा मिलनी चाहिए, चाहे कोई भी संदीप हो लेकिन इस मामले में राजनीतिक फायदा लेने के लिए और दंगा करवाने के लिए खूब झूठ भी फैलाया जा रहा है. जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गैंगरेप की बात को नकारा गया है यही नहीं, खुद लड़की और उसकी माँ वीडियो में कह रही है कि उसके साथ कुछ नहीं हुआ है, सिर्फ गला दबाया गया है. देखिये वीडियो -
अब सवाल ये है कि गैंगरेप, रीढ़ की हड्डी तोड़ने, गर्दन तोड़ने, जीभ काटने आदि का झूठ फैलाकर मामले को सनसनीखेज क्यों बनाया गया और किन लोगों ने झूठ फैलाया।
अब इस मामले में कट्टरपंथी संगठन PFI और SDPI का नाम सामने आ रहा है, ऐसा कहा जा रहा है कि PFI ने कई मीडिया चैनलों को हायर किया, करोड़ों रुपये खर्च किये और देखते ही देखते गैंगरेप, रीढ़ की हड्डी तोड़ने, गर्दन तोड़ने, जीभ काटने आदि का झूठ फैला दिया गया.
साजिशकर्ताओं का प्लान कामयाब भी हो गया, हाथरस में राजनीतिक टूरिज्म शुरू हो गया, हर शहर में कैंडल मार्च किया जाने लगा है, हर नेता अपने बयान में यही कह रहा था कि हाथरस में हैवानियत हुई है, लड़की का गैंगरेप हुआ, रीढ़ की हड्डी तोड़ने, गर्दन तोड़ने, जीभ काट ली गयी, जबकि ये सब झूठ था.
पीड़ित परिवार का कहना है कि वे सब बाजरा काटकर साथ में ही आ रहे थ, कोई संदीप आया और लड़की को बाजरे में खेत में ले गया, वहां पर उसका गला दबा दिया गया. गला दबाते समय जीभ में भी चोट आयी लेकिन जीभ काटी नहीं गयी क्योंकि लड़की ने खुद अपने मुंह से बोलकर बयान दिया है.
हम यह मानते हैं कि हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए लेकिन किसी मामले को सनसनीखेज बनाने और राजनीतिक फायदा लेने के लिए गैंगरेप, रीढ़ की हड्डी तोड़ने, गर्दन तोड़ने, जीभ काटने आदि का झूठ फैलाया जाय और देश में दंगा कराने की कोशिश की जाय, इसीलिए हमने इस खबर में सच बताने की कोशिश की है.
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