फरीदाबाद, 22 जुलाई। जिला सेशन जज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन दीपक गुप्ता के आदेशानुसार चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मोना सिंह की देखरेख में सोमवार को डिजास्टर कोर कमेटी की बैठक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जैस्मीन शर्मा की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में प्रशासनिक अधिकारी सीटीएम बैलीना, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राकेश मोर, मुख्य दंडाधिकारी संदीप चौहान के अलावा जिला के विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित हुए।
प्रशासनिक अधिकारी सीटीएम बैलीना ने बैठक में प्राकृतिक आपदा प्रबंधन बारे जानकारी देते हुए बताया कि सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्राकृतिक आपदा में बाढ़ से बचने के लिए पूरे पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश पहले दे दिए गए थे। बाढ़ के इंतजाम कर लिए गए हैं।उन्होंने बताया कि एमसीएफ के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी दिशा निर्देश दिए कि वे सीवर व्यवस्था को दुरुस्त रखें। ताकि पानी इकट्ठा ना हो। प्राकृतिक आपदा के समय सबसे ज्यादा आवश्यकता दवाओं और खाने -पीने की वस्तुओं की पड़ती है।
बैठक खाद्य एवं आपूर्ति, स्वास्थ्य तथा प्राइवेट अस्पतालों में प्राकृतिक आपदा प्रबंधन बारे चिकित्सा सुविधाओ बारे भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। बैठक में प्राइवेट अस्पतालों से भी मुख्य डॉक्टर उपस्थित हुए उन्हें भी दिशा निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों में कम से कम 10 बेड का इमरजेंसी के समय में इंतजाम होना चाहिए तथा यह भी बताया कि उनके लिए स्पेशल वार्ड का इंतजाम किया जाना चाहिए। साथ ही एंबुलेंस का भी इंतजाम हो।
जिला बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट संजीव चौधरी ने बताया कि किसी भी इमरजेंसी के समय पर किसी भी मुवक्किल से कोई फीस नहीं ली जाएगी। ऐसा बार कि मीटिंग करके सभी एडवोकेट साथियों को अवगत करवा दिया जाएगा। इसके अलावा पैनल अधिवक्ता जीत कुमार रावत, एडवोकेट गजेंद्र दीक्षित, भानु प्रिया शर्मा, सेव अरावली ट्रस्ट की तरफ से कैलाश बिधूड़ी व चरण सिंह एडवोकेट भी शामिल रहे।
इस मौके पर चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट श्रीमती मोना सिंह ने बताया कि जगह-जगह यमुना के किनारे बसे गांवों में लोगों को कानून के बारे में जानकारी दी जा रही है। लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि बाढ़ के समय हम उनको क्या कानूनी मदद दे सकते हैं।
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