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क्या है फरीदाबाद के लुटेरे प्राइवेट स्कूलों का इलाज, आखिर कब तक लुटती रहेगी जनता, इनसे सब दुखी

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फरीदाबाद: सरकारी स्कूलों को सरकार ने नरक और गन्दगी का ढेर बना रखा है, आम लोगों के पास प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं है, लोग मजबूर हैं और इसी मजबूरी का फायदा प्राइवेट स्कूल उठा रहे हैं.

प्राइवेट स्कूल लूट और ब्लैकमेलिंग एक साथ करते हैं, पहले तो एडमिशन के नाम पर मोटी फीस ली जाती है, कई स्कूल वाले तो पहले कहते हैं कि एक बार ही एडमिशन फीस देना है, अगले साल वे फिर से एडमिशन फीस मांगते हैं, उन्हें पता है कि अगर बच्चे को कहीं और ले जाएंगे तो वहां भी एडमिशन फीस देनी पड़ेगी, माँ बाप भी यही सोचते हैं और मजबूरी वश फिर से एडमिशन फीस देते हैं, एक तरह से प्राइवेट स्कूल पैरेंट्स को ब्लैकमेल करते हैं और पेरेंट्स भी ब्लैकमेल होते हैं क्योंकि इसके अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है.

कॉपी-किताब, ड्रेस और बैग में भी लूट

यह तो कुछ भी नहीं है, बच्चे के एडमिशन के बाद स्कूल वाले कहते हैं - उस दुकान पर जाओ और ड्रेस, बैग, कॉपी किताब ले लो, ये सब सामान कई गुना मंहगे मिलते हैं क्योंकि स्कूल वाले यहाँ भी लूट करते हैं. 50 की कॉपी 200-300 रुपये में मिलती है, 100 की किताब 500 रुपये में मिलती है. सर्दी गर्मी की ड्रेस में भी जमकर लूट की जाती है, 200-300 रुपये की ड्रेस 1000-1500 रुपये में बेचीं जाती है.

लूट के लिए हर साल बदलते हैं किताबें

प्राइवेट स्कूल वालों ने लूट का एक और तरीका ढूंढा है, ये हर क्लास की हर साल किताबें बदल देते हैं ताकि उन्हें कोई अन्य बच्चा इस्तेमाल ना कर सके. अगर एक ही किताब रिपीट होगी तो वो किताब कोई अन्य बच्चा इस्तेमाल कर सकता है, अगर ऐसा होगा तो प्राइवेट स्कूल लूटेंगे कैसे, इसीलिए वे हर साल किताबें बदल देते हैं ताकि दोबारा इस्तेमाल होने की कोई संभावना ही ना बचे.

क्या है इनका इलाज

प्राइवेट स्कूलों की लूट रोकने के लिए सरकार को पालिसी बनानी पड़ेगा वरना यह लूट कभी नहीं रुक पाएगी, सभी स्कूलों का सिलेबस एक करना चाहिए, हर स्कूल की किताबें सेम करनी चाहिए, सरकारी स्कूलों की हालत में सुधार करना चाहिए, प्ले स्कूल पर बैन लगाना चाहिए या सरकारी स्कूलों में भी प्ले स्कूल खोलना चाहिए. नर्सरी, प्री-नर्सरी, LKG-UKG क्लासेस पर बैन लगाना चाहिए या सरकारी स्कूलों में भी इसे शुरू करना चाहिए, सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करके प्राइवेट स्कूलों जैसा करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो प्राइवेट स्कूलों की लूट ख़त्म नहीं होगी और जनता परेशान रहेगी.
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