फरीदाबाद: सर्वे में फरीदाबाद में भाजपा की लहर देखी गयी थी, कृष्णपाल गुर्जर अन्य पार्टियों के भावी उम्मीदवारों से आगे थे, उनके दोबारा जीतने के चांस अधिक हैं लेकिन पिछले 10-15 दिनों से फरीदाबाद की राजनीति में जो हो रहा है ऐसा कहीं भी नहीं हो रहा है.
अचानक कुछ अज्ञात लोग निकल आये और कृष्णपाल गुर्जर के खिलाफ पोस्टर लगा लिए - मोदी तुमसे बैर नहीं, कृष्णपाल तेरी खैर नहीं. इन लोगों ने कृष्णपाल गुर्जर का टिकट कटवाने के लिए पोस्टरबाजी शुरू की थी.
उसके बाद राजनीति और दिलचस्प हुई, कुछ लोगों ने प्रेस कांफ्रेस करके सीधा बोल दिया कि कृष्णपाल गुर्जर को टिकट मत दो, किसी और भाजपा नेता को टिकट को, हमारे सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला कि ये लोग उसे टिकट दिलाना चाहते हैं तो अरावली चीरहरण और फरीदाबाद में प्रदूषण का सबसे बड़ा जिम्मेदार है, हैरानी की बात ये भी है कि प्रेस कांफ्रेंस करने वाले लोग काफी समय से अरावली चीरहरण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं उसके बावजूद ये लोग उसे टिकट दिलाना चाहते हैं जिसनें अरावली पर चीरहरण की छूट दे रखी और उसके खुद के कई फार्म हाउस हैं.
हमने हर तरफ से जानकारी इकठ्ठी की तो पता चला कि एक भाजपा नेता ने ही पोस्टर लगाने वालों और प्रेस कांफ्रेस करने वालों को कृष्णपाल गुर्जर के दामन पर कीचड उछालने की सुपारी दी है, दरअसल वह खुद टिकट पाना चाहता है लेकिन कृष्णपाल गुर्जर के रहते ऐसा संभव नहीं है.
इसीलिए उस नेता ने एक प्लान रचा, पहले कृष्णपाल गुर्जर के खिलाफ एक वीडियो वायरल करवाया जिसमें उनकी संपत्तियों का जिक्र था, वीडियो में कृष्णपाल गुर्जर को चोर बोला गया जबकि कृष्णपाल गुर्जर के बाद उनकी सभी संपत्तियों का हिसाब है और इनकम टैक्स में सब कुछ दिखाया गया है. लेकिन नेताओं की संपत्ति ही उनकी सबसे बड़ी दुश्मन होती है और उस भाजपा नेता ने कृष्णपाल गुर्जर की इसी कमी का फायदा उठाया.
उसके बाद उस चालाक नेता ने कुछ लोगों को पोस्टर लगाने की सुपारी दी. उसके बाद कृष्णपाल गुर्जर के खिलाफ पूरे शहर में पोस्टर लगाए गए - मोदी तुमसे बैर नहीं, कृष्णपाल तेरी खैर नहीं. पोस्टर लगाने वाले लोगों ने सोशल मीडिया पर भी इसे शेयर किया, इनका चरित्र देखने पर पता चला कि ये लोग भाजपा समर्थक हैं ही नहीं, जब ये भाजपा समर्थक ही नहीं हैं तो इन्हें मोदी या कृष्णपाल गुर्जर से क्या लेना देना.
कहने का मतलब है कि - सुपारी देने वाला भाजपा नेता टिकट पाने के लिए कुछ भी कर सकता है. उसनें टिकट पाने की हसरत से कई प्रोग्राम, कई रैलियां की हैं जिसमें करोड़ों रुपये खर्च हुई हैं, वो नेता ऐसे ही थोड़े चुप बैठेगा, अगर शाम-दाम दंड भेद का इस्तेमाल करना पड़ेगा तो वो करेगा और कृष्णपाल गुर्जर की टिकट कटवाने की हर संभव कोशिश करेगा. एक बात और बता दें - इससे पहले उस भाजपा नेता ने अवतार भडाना को भी कृष्णपाल गुर्जर के दामन पर दाग उछालने की सुपारी दी थी, उस समय अवतार भडाना भाजपा में थे, उस समय दोनों नेताओं की बहुत बनती थी लेकिन अचानक अवतार भडाना ने पलटी मारी और कांग्रेस में शामिल हो गए.
कांग्रेस की भी मिल रही मदद
भाजपा नेता को कांग्रेस पार्टी के नेताओं और समर्थकों की भी मदद मिल रही है क्योंकि वे भी पोस्टर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं. कांग्रेसी भी चाहते हैं कि कृष्णपाल गुर्जर की टिकट कटे और किसी कमजोर भाजपा नेता को टिकट मिले ताकि हम फरीदाबाद सीट पुनः अपने कब्जे में कर सकें. अब देखते हैं कि कांग्रेस और भाजपा नेता की कोशिश कामयाब होती है या नहीं.
क्या सचमुच कट जाएगी टिकट
कृष्णपाल गुर्जर की टिकट कट जाएगी ऐसा लगता तो नहीं है क्योंकि हरियाणा चुनाव समिति की मीटिंग दिल्ली में कृष्णपाल गुर्जर के आवास पर ही हुई थी, इसके अलावा वह बहुत पुराने भाजपा नेता हैं, इसके अलावा अधिकतर भाजपा कार्यकर्ता भी उनके साथ हैं.
कांग्रेस की भी मिल रही मदद
भाजपा नेता को कांग्रेस पार्टी के नेताओं और समर्थकों की भी मदद मिल रही है क्योंकि वे भी पोस्टर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं. कांग्रेसी भी चाहते हैं कि कृष्णपाल गुर्जर की टिकट कटे और किसी कमजोर भाजपा नेता को टिकट मिले ताकि हम फरीदाबाद सीट पुनः अपने कब्जे में कर सकें. अब देखते हैं कि कांग्रेस और भाजपा नेता की कोशिश कामयाब होती है या नहीं.
क्या सचमुच कट जाएगी टिकट
कृष्णपाल गुर्जर की टिकट कट जाएगी ऐसा लगता तो नहीं है क्योंकि हरियाणा चुनाव समिति की मीटिंग दिल्ली में कृष्णपाल गुर्जर के आवास पर ही हुई थी, इसके अलावा वह बहुत पुराने भाजपा नेता हैं, इसके अलावा अधिकतर भाजपा कार्यकर्ता भी उनके साथ हैं.
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