फरीदाबाद: RTI से मिली जानकारी में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत फरीदाबाद को स्वच्छ बनाने के लिए 3222.32 लाख रुपये दिए थे लेकिन सिर्फ 79 लाख रुपये खर्च किये गए हैं. बाकी पैसे कहाँ गए MCF ने इसकी जानकारी नहीं दी है. ये पैसे MCF के खाते में हैं, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के खाते में हैं या खर्च हो गए... यह भी नहीं बताया गया है.
सूचना में यह भी नहीं बताया गया है कि जब मोदी सरकार ने फरीदाबाद को स्वच्छ बनाने के लिए 3222 लाख रुपये जारी किये थे तो सिर्फ 79 लाख रुपये क्यों खर्च किये गए. बाकी के पैसे खर्च करके फरीदाबाद को स्वच्छ एवं स्मार्ट सिटी क्यों नहीं बनाया गया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हमारे पाठक एवं RTI एक्टिविस्ट दीपक कुमार मिश्रा ने एक RTI डाली हुई थी जिसमें उन्होंने पूछा था -
- जिला फरीदाबाद को स्वच्छ भारत अभियान के तहत कितना पैसा मिला एवं कितना खर्च हुआ. साफ़ सफाई एवं होर्डिंग/प्लेक्स बोर्ड पर कितना खर्च हुआ, इसकी विस्तृत जानकारी दी जाए.
उपरोक्त प्रश्नों के जवाब में फरीदाबाद नगर निगम ने छोटा सा जवाब दिया. जिला फरीदाबाद को स्वच्छ भारत अभियान के तहत 3222.32 लाख रुपये प्राप्त हुए. साफ़ सफाई एवं होर्डिंग/फ्लेक्स बोर्ड पर लगभग 79,23,658 रुपये (मतलब लगभग 79 लाख रुपये.
उपरोक्त जवाब में यह भी नहीं बताया गया है कि होर्डिंग एवं फ्लेक्स बोर्ड पर कितने रुपये खर्च हुए और साफ़ सफाई पर कितने रुपये खर्च हुए. दोनों का जोड़कर बताया गया है. जवाब से लगता है कि जानकारी छुपाई गयी है. अगर फिर से RTI डालकर विस्तृत जवाब माँगा जाए तो सूचना देने में कई महीनें लगेंगे और तब तक लोकसभा चुनाव आ जाएंगे. अब देखते हैं कि इसकी जांच हो पाती है या नहीं लेकिन अगर ये पैसे ठीक तरीके से फरीदाबाद की स्वच्छता के लिए लगा दिए जाते तो आज जो पूरे शहर में गन्दगी के ढेर लगे हैं वो ख़त्म हो जाते और फरीदाबाद सच में मोदी के सपनों की स्मार्ट सिटी की दिशा में बढ़ जाता.
अब फरीदाबाद नगर निगम से फरीदाबाद की जनता सवाल करेगी कि बाकी के पैसे कहाँ गए. पूरी जानकारी क्यों नहीं दी गयी. पूरे पैसे क्यों नहीं खर्च किये गए. मोदी सरकार द्वारा पैसे देने के बावजूद भी शहर को कूड़ा मुक्त क्यों नहीं बनाया गया. पूरे शहर को प्रदूषण से क्यों बीमार बनाया जा रहा है.
अब फरीदाबाद नगर निगम से फरीदाबाद की जनता सवाल करेगी कि बाकी के पैसे कहाँ गए. पूरी जानकारी क्यों नहीं दी गयी. पूरे पैसे क्यों नहीं खर्च किये गए. मोदी सरकार द्वारा पैसे देने के बावजूद भी शहर को कूड़ा मुक्त क्यों नहीं बनाया गया. पूरे शहर को प्रदूषण से क्यों बीमार बनाया जा रहा है.
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