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सरकारी स्कूल के पैसे खा गए ठेकेदार-अधिकारी, गिर सकती है इमारत, बच्चों की जान को खतरा: LN पाराशर

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फरीदाबाद: फरीदाबाद के कई सरकारी स्कूलों की हालत बद से बदतर हो चुकी है जिसका जीता जागता उदाहरण राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेहतपुर में देखा गया जहां सैकड़ों छात्र छात्राएं जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एल एन पाराशर ने सोमवार इस स्कूल का निरीक्षण किया जहां से कई चौंकाने वाल;वाली जानकारी मिली। स्कूल के कई उन कमरों की हालत बहुत जर्जर है और स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं ने बताया कि इन कमरों की छत इतनी जर्जर है कि छत प्लास्टर हमेशा गिरता रहता है, वो कमरों में मजबूरी वश बैठते हैं और उन्हें डर लगा रहता है कि कभी कहीं ये जर्जर छत उनपर न गिर जाए और उन्हें जान गंवानी पड़ जाए। छात्रों ने बताया कि कमरे में टंगा पंखा कब गिर जाए कोई पता नहीं क्यू कि पंखे के पास से पानी टपकता रहता है और बारिश में इतना पानी टपकता है कि उनकी कॉपी किताबें तक भीग जाती हैं।

मौके पर पहुंचे वकील पाराशर ने बताया कि ये जिले का सबसे बड़ा सरकारी स्कूल है और इसमें लगभग ढाई हजार छात्र छात्राएं पढ़ते हैं और स्कूल की पुरानी ही नहीं नई बिल्डिंग भी जर्जर हो गई है और नई बिल्डिंग में भी दरारें पड़ गईं हैं और नई इमारत की दीवारें, खिड़किया भी टूटने लगीं हैं। वकील पाराशर ने बताया कि स्कूल की पुरानी और नई इमारत दोनों के निर्माण में बड़ा घोटाला हुआ है और स्कूल की इस इमारत में भी घटिया मैटेरियल लगा है। वकील पाराशर ने बताया कि जिले के सबसे बड़े इस स्कूल की कमियां जानबूझकर नहीं दूर की जा रहीं हैं क्यू कि पास में ही एक नेता का निजी स्कूल है। वकील पाराशर ने बताया कि उन्हें स्थानीय लोगों ने जानकारी दी कि नेता चाहता है कि आस पास के बच्चे इस स्कूल में न पढ़ उसके निजी स्कूल में पढ़ें ताकि वो और मालामाल हो।

स्कूल की प्रधानाचार्या अनीता चोपड़ा ने बताया कि स्कूल की जर्जर हालत से वो भी बहुत दुखी रहतीं हैं और उन्हें किसी अनहोनी का डर लगा रहता है। उन्होंने बताया कि जब तक हर छात्र, छात्रा छुट्टी के बाद स्कूल से बाहर नहीं चले जाते तब तक उन्हें चैन नहीं आता। उन्होंने बताया कि बड़े अधिकारियों से स्कूल की इमारत के बारे में उन्होंने शिकायत की जिसके बाद अधिकारियों ने इमारत की जांच की और नींव खुदवा कर जांच की गई और अधिकारियों ने माना है कि स्कूल की इमारत के निर्माण में लापरवाही बरती गई है।

स्कूल की समस्या देखने के बाद वकील पाराशर ने कहा कि इस स्कूल की समस्या को सीएम और शिक्षा मंत्री सहित फरीदाबाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाऊंगा और मांग करूंगा कि घटिया मैटेरियल से इस स्कूल को बनाने वाले ठेकेदार व् अन्य जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जाए। वकील पाराशर ने कहा कि मैं मांग करूंगा कि जर्जर हुए स्कूल के कमरों की मरम्मत जल्द की जाए या तो फिर से वहाँ नए कमरे बनाये जाएँ।
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