फरीदाबाद 23 अक्टूबर: डीएलएफ क्राइम ब्रांच प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन पाराशर और उनकी टीम को एक और कामयाबी मिली है. 23 अक्टूबर को गायब हुए मुरारी की कल नहर पार झाड़ियों में लाश बरामद हुई थी. वह 23 अक्टूबर से गायब था, लाश मिलने के सिर्फ 1 दिन बाद डीएलएफ क्राइम ब्रांच में आरोपी मिथिलेश को गिरफ्तार करके मामले को सुलझा लिया.
गिरफ्तार आरोपी का विवरण
आरोपी मिथलेश कुमार पुत्र राम चन्द्र निवासी गाँव बाड़ी नगर थाना बरारी जिला कटिहार बिहार हाल मकान - न० 353 गली न० 1, शास्त्री कॉलोनी ओल्ड फरीदाबाद को गिरफ्तार करने में मिली सफलता।
घटना के बाद वर्क शॉप मालिक दर्शन लाल वर्मा के कहने पर अभी तक आरोपी मुरारी की तलाश करवा रहा था।
क्या था मामला, पढें
आपको बताते चलें कि दिनांक 23 अक्टूबर 2018 को मुरारी अपने वर्क शॉप के साथियों के साथ अपने घर के लिए 06.30 PM को निकला था। जो अपने घर नहीं पहुंचा था।
इस संदर्भ में थाना ओल्ड फरीदाबाद में मुकदमा नंबर 442 दिनांक 24 अक्टूबर 2018 धारा 346 IPC के तहत गुम होने बारे मुकदमा दर्ज किया गया था.
मुरारी के परिवार वाले मुरारी के दोस्त आरोपी मिथलेश के साथ मिलकर कई दिन से कर रहे थे तलाश। आरोपी मिथलेश और मुरारी एक ही वर्क शॉप में काम करते थे। चार महीने पहले आरोपी मिथलेश ने नौकरी छोड़ दी थी।
दिनांक 01 नवम्बर 2018 को खेडी पुल थाना के एरिया अम्मा हॉस्पिटल के सामने रोड के साथ ग्रीन बेल्ट में झाड़ियो में मुरारी की डेडबॉडी गली सडी अवस्था में मिली थी.
क्राइम ब्रांच डीएलएफ को सौंपी गई थी जांच की फाइल
क्राइम ब्रांच डीएलएफ को सौंपी गई थी जांच की फाइल
पुलिस कमिश्नर अमिताभ सिंह ढिल्लो व पुलिस उपायुक्त अपराध लोकेन्द्र सिंह के दिशा निर्देश पर कार्यवाही करते हुए क्राइम ब्रांच DLF प्रभारी नवीन कुमार व उनकी टीम के उप निरीक्षक ब्रहम प्रकाश, सहायक उप निरीक्षक कप्तान सिंह, हवलदार कुलदीप सिंह, सिपाही नसीब, सिपाही आदित्य सिपाही अनिल ने सराहनीय कार्य करते हुये मृतक मुरारी के दोस्त मिथलेश को मुरारी हत्या कांड में गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.
कैसे सुलझाया गया मामला, पढें
अपराध शाखा DLF फरीदाबाद प्रभारी निरीक्षक नवीन कुमार ने बताया कि आरोपी से पूछताछ में पता चला कि जब मुरारी ओल्ड बाज़ार से अपने घर की तरफ जा रहा था। तो रास्ते में आरोपी मिथलेश बाईक लेकर खड़ा मिला। उसने मुरारी को कहा कि चलो मेरे घर चलते है व कुछ खाते पीते है। जो आरोपी मिथलेश ने बाज़ार से दो टिक्की बनवा ली और मुरारी को अपने साथ अपने घर शास्त्री कॉलोनी बाईक पर बिठा कर ले गया।
मिथलेश के घर जाकर दोनों ने पहले टिक्की खाई व बाते करते रहे। लगभग 08.00 PM पर अरोपी मिथलेश ने पीछे से मुरारी को पकड़ लिया और चाकू से गला रेत दिया व उसके बाद आरोपी के पास लगभग 10.00 PM पर मुरारी के वर्क शॉप मालिक दर्शन लाल वर्मा का फोन आया कि आप मुरारी के घर जाओ। मुरारी घर नहीं पहुंचा है उसकी तलाश करवाओ. आरोपी पूरी रात मुरारी के घर वालो के साथ मुरारी की तलाश करवाता रहा. ओल्ड फरीदाबाद थाने में भी गए व अगले दिन जब मुरारी नहीं मिला तो उसकी गुमशुदा होने बारे मुकदमा दर्ज करवा दिया था.
अगले पूरे दिन आरोपी मिथलेश ने मुरारी की डेड बॉडी को प्लास्टिक के बोरे व रस्सी खरीदकर पैकिंग करने में समय बिताया और लगभग रात के 11.00 बजे अपनी मोटरसाईकिल पर पीछे डेड बॉडी को लादकर अम्मा हॉस्पिटल के सामने रोड के किनारे झाड़ियो में फैंक आया।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी मिथलेश ने इस वारदात को केवल इसलिए अंजाम दिया कि जब चार महीने पहले आरोपी मिथलेश व मृतक मुरारी ओल्ड बाज़ार स्थित एक ही वर्क शॉप में काम करते थे व किसी चीज़ को लेकर वर्क शॉप मालिक से बहस हो गयी थी। उसके बाद मिथलेश ने नौकरी छोड़ दी थी। अरोपी मिथलेश 32000 हजार रूपये सैलेरी लेता था व पिछले 12 साल से काम कर रहा था। जब उसने नौकरी छोड़ी तो मुरारी ने यह कहा था कि अगर आप यहाँ काम नहीं करोगे तो मैं भी यहाँ काम नहीं करूँगा। लेकिन किये गए वादे के अनुसार मुरारी ने वर्क शॉप से काम नहीं छोड़ा और वह सारा काम करता रहा जो मिथलेश करता था।
आरोपी मिथलेश चार महीने से घर पर ही था। उसको कोई काम नहीं मिल रहा था और अपने दिमाग में मुरारी के प्रति रंजिश पालने लगा। जो इसी के चलते मिथलेश ने अपने दोस्त मुरारी की गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि आरोपी मिथलेश को कल अदालत में पेश किया जाकर अदालत से रिमांड माँगा जायेगा और मृतक मुरारी के पर्स, मोबाईल फ़ोन व अन्य चीज़े बरामद की जायेगी और गहनता से पूछताछ की जाएगी।
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