फरीदाबाद, 21 सितम्बर: फरीदाबाद जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एडकाकेट एल एन पाराशर के पोस्टर की आवाज हाईकोर्ट के न्यायाधीश ऐके मित्तल तक पहुँच गयी है, आज जिला एवं सत्र अदालत में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों ने एल एन पाराशर के पोस्टर को लेकर न्यायाधीश का बयान लिया.
न्यायाधीश ऐके मित्तल ने कहा कि हमें उनके पोस्टर लगाने का मोटिव तो नहीं पता लेकिन अगर फरीदाबाद में गरीबों को न्याय नहीं मिल रहा है तो लीगल सेल बेकार है, अगर आप लोगों के पास ऐसा कोई केस आये जिसमें गरीबों को न्याय नहीं मिला हो तो हमारे संज्ञान में जरूर जाएं, हम जरूर कार्यवाही करेंगे.
उन्होंने कहा कि पहले आप लोग लीगल सेल की सेक्रेटरी मोना सिंह से शिकायत करें और अगर वहां भी कोई कार्यवाही ना हो तो मेंबर सेक्रेटरी के जरिये मेरे पास पंचकूला में शिकायत लेकर आयें, हम जरूर कार्यवाही करेंगे.
26 अगस्त को वकील पाराशर ने लगाए थे पोस्टर
वकील पाराशर ने पिछले महीनें 26 अगस्त को कोर्ट परिसर के बाहर पोस्टर चिपकाए थे जिसमें लिखा था -
न्यायाधीश ऐके मित्तल ने कहा कि हमें उनके पोस्टर लगाने का मोटिव तो नहीं पता लेकिन अगर फरीदाबाद में गरीबों को न्याय नहीं मिल रहा है तो लीगल सेल बेकार है, अगर आप लोगों के पास ऐसा कोई केस आये जिसमें गरीबों को न्याय नहीं मिला हो तो हमारे संज्ञान में जरूर जाएं, हम जरूर कार्यवाही करेंगे.
उन्होंने कहा कि पहले आप लोग लीगल सेल की सेक्रेटरी मोना सिंह से शिकायत करें और अगर वहां भी कोई कार्यवाही ना हो तो मेंबर सेक्रेटरी के जरिये मेरे पास पंचकूला में शिकायत लेकर आयें, हम जरूर कार्यवाही करेंगे.
26 अगस्त को वकील पाराशर ने लगाए थे पोस्टर
वकील पाराशर ने पिछले महीनें 26 अगस्त को कोर्ट परिसर के बाहर पोस्टर चिपकाए थे जिसमें लिखा था -
- फरीदाबाद कोर्ट चंद जजों की वजह से सत्यमेव जयते की जगह असत्य का बोलबाला
- गुनहगार हो रहे हैं बरी, बेगुनाहों को मिल रही है सजा
- न्याय के मंदिर में गरीबों संग हो रहा है अन्याय
- एक ही धारा ‘304 बी’ के मामले को 302 में कन्वर्ट करके, एक ही कोर्ट ने एक आरोपी के खिलाफ गवाही होने पर भी किया बरी जबकि एक अन्य केस में उसी धारा में पीड़ित पक्ष ने आरोपी के पक्ष में गवाही दिया तो भी आरोपी को सुना दी गई उम्र कैद की सजा (अब तक नहीं मिली आर्डर की कॉपी, जज ने ड्राफ्ट पर ही करवा लिए हस्ताक्षर)
- सेशन जज भी हैं इसमें भागीदार क्योंकि इस जज से केस ट्रांसफर की मांग करने पर करते हैं इंकार
- ऐसे कई मुकदमों में बेगुनाहों को भेजा जा रहा नीमका जेल
- युवा वकीलों को कंटेम्प्ट का भय दिखाकर गिराया जा रहा है उनका मनोबल
- एक और बेगुनाह गरीब को मिलने वाली है उम्रकैद की सजा (जो पहले ही काट चुका है सजा)
- जागो न्याय की देवी जागो
- चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी एवं प्रोसेस सर्वर जजों के यहाँ कर रहे हैं बंधुवा मजदूरों की तरह काम (सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियाँ)
देखें वीडियो.
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