फरीदाबाद: साइबर सेल अपराध शाखा ने चार टैलेंटेड चोरों को दबोचकर फ्रॉड का पर्दाफाश किया ह, ये लुटेरे टेक्नोलॉजी को फेल करके लूटने के नए तरीके अपनाते थे जिसमें लोग फंस भी जाते थे, ये लोग मोबाइल सिम को 4जी में अपडेट करने के नाम पर लोगों को अपना शिकार बनाते थे। ये अपने आपको मोबाइल कंपनी का कर्मचारी बताकर लोगों को अपने भरोसे में ले लेते थे और उसके बाद लोगों को लूट लेते थे. इन आरोपियों को मुंबई और झारखंड से गिरफ्तार किया गया.
लोकेंद्र सिंह पुलिस उपायुक्त सेंट्रल ने आज 10 अगस्त 2018 को प्रेस वार्ता के दौरान आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में खुलासा करते हुए बताया कि साइबर अपराध शाखा को सूरजकुंड थाने में दर्ज साइबर ठगी के मुकदमे की तफ्तीश करने के निर्देश दिए गए थे, जिस पर इंस्पेक्टर विनोद ने अपनी टीम के ASI बाबूराम, ASI जावेद, ASI प्रमोद, HC वसीम, वीरपाल और नरेंद्र के अलावा क्राइम ब्रांच 65 के स्टाफ को साथ लेकर झारखंड गए और वहां छापेमारी करके तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया.
उन्होंने बताया की आरोपी अंशु कुमार पुत्र अनिल कुमार को मुंबई से गिरफ्तार किया गया, उस से पूछताछ के आधार पर अन्य आरोपियों को झारखंड से गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों का विवरण:
1. अंशु कुमार दास पुत्र अनिल कुमार, निवासी भरचंडी जामताड़ा झारखंड।
2. इरफान पुत्र ताहिर अंसारी, निवासी भरचंडी जामताड़ा झारखंड।
3. मुजाहिद पुत्र जाहिद अंसारीनिवासी, भरचंडी जामताड़ा झारखंड।
4. याकूब अंसारी पुत्र मुमताज मियां, निवासी घोषवाद जामताड़ा झारखंड।
प्रभारी साइबर अपराध शाखा इंस्पेक्टर विनोद कुमार चौहान ने बताया की विशेष सूत्रों से मिली सूचना पर आरोपी अंशु कुमार दास को दिनांक 2 अगस्त 2018 को मुंबई से व अन्य तीन आरोपियों को दिनांक 6 अगस्त 2018 को जामताड़ा झारखंड से गिरफ्तार किया है।
आपको बताते चलें कि दिनांक 24 जुलाई 2018 को पूनम रानी निवासी दयालबाग, सूरजकुंड ने पुलिस को बताया था कि उसके पास बैंक मैनेजर यूनियन बैंक चेंबूर मुंबई से कॉल आई कि उसके बैंक ऑफ महाराष्ट्र से यूपीआई के जरिए ट्रांजैक्शन हुई है।
पीड़ित शिकायतकर्ता ने अपने बैंक में जाकर पता किया तो उसे मालूम हुआ कि उसके बैंक अकाउंट से कुल Rs 850000 किसी नाम पता ना मालूम व्यक्ति ने यूपीआई ट्रांजैक्शन के जरिए निकाल लिए हैं। धोखाधड़ी की शिकायत पर थाना सूरजकुंड में दिनांक 28 जुलाई 18 FIR नंबर 510 धारा 419, 420,34 IPC, व 66c, 66D आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया था।
पुलिस आयुक्त अमिताभ सिंह ढिल्लो ने इस केस की तफ्तीश साइबर सेल इंस्पेक्टर विनोद कुमार चौहान को सौंपी और आरोपियों की जल्द धरपकड़ के निर्देश दिए, इस्पेक्टर विनोद ने डीसीपी क्राइम लोकेंद्र सिंह के निर्देश पर अपने नेतृत्व में एक टीम गठित कर आरोपियों की तलाश शुरू की गई थी।
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इंस्पेक्टर विनोद कुमार चौहान ने बताया कि टीम ASI बाबूराम, ASI जावेद, ASI प्रमोद के द्वारा गहराई से जांच करने के लिए, शिकायतकर्ता महिलाओं को जांच में शामिल किया गया, तफ्तीश के दौरान सामने आया कि शिकायतकर्ता के मोबाइल सिम को डीएक्टिवेट करवाकर किसी ने दूसरी SIM एक्टिवेट करा ली है और उसकी कॉल शिकायतकर्ता की दूसरी सिम पर फॉरवर्ड कर दी है जिसके कारण शिकायतकर्ता को पता ही नहीं चल सका कि उसकी SIM किसी और ने एक्टिवेट करा ली थी. आरोपियों ने ऐसा इसलिए किया था ताकि शिकायतकर्ता को शक ना हो।
शिकायतकर्ता को संबंधित केस में जांच में शामिल करके पूछताछ की गयी तो पता लगा कि कुछ समय पहले शिकायतकर्ता के मोबाइल पर Idea कंपनी की तरफ से उसकी सिम को 3जी से 4जी में अपडेट करने के लिए एक नंबर से कॉल आई थी, कॉलर ने शिकायतकर्ता से 123 पर SMS करने के लिए कहा था।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि आरोपी अपने आप को टेलीकॉम कंपनी का एग्जीक्यूटिव बताकर लोगों को उनकी सिम 3जी से 4जी में अपग्रेड करने के नाम पर कॉल करते थे और उनको 123 या 121 पर अपने द्वारा भेजे गए SMS को फॉरवर्ड करने को कहते थे। उपभोक्ता/ पीड़ित व्यक्ति उनके कहने पर मोबाइल कंपनी द्वारा भेजे गए SMS को आरोपियों के नंबर पर फॉरवर्ड sms कर देते थे।
आरोपी उपभोक्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए SMS के आधार पर उनकी SIM को डीएक्टिवेट करवा कर, अपनी ब्लैंक सिम पर वह मोबाइल नंबर एक्टिवेट कर लेते थे। आरोपी मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी के आधार पर यूपीआई ऐप के जरिए धोखाधड़ी से लोगों के पैसे अपने फर्जी अकाउंट व आरोपियों द्वारा अन्य गरीब लोगों के खुलवाएं हुए अकाउंट मे ट्रांसफर करा लेते थे। अन्य गरीब लोगों के अकाउंट डिटेल और उनके ATM भी आरोपी अपने पास रखते थे।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आरोपियों का पुलिस रिमांड लिया गया है। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों के विभिन्न खातों में आई हुई धोखाधड़ी की रकम बरामद की जाएगी। अभी तक आरोपियों से Axis Bank की पीओएस मशीन,पासबुक व विभिन्न बैंकों की ATM कार्ड बरामद किए गए।
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