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वकील एलएन पाराशर बोले, अगर मान लेते हमारी बात तो तीनों पत्रकारों को ना होती जेल, कराता समझौता

Faridabad BJP Mahila Morcha President Anita Sharma Defamation case LN Parashar interview after three patrakar sent jail
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फरीदाबाद: बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष अनीता शर्मा मानहानि मामला काफी चर्चा में है, इसकी लड़ाई कोर्ट में चल रही है, अनीता शर्मा की तरफ से फरीदाबाद के मशहूर वकील एलएन पाराशर केस लड़ रहे हैं, अनीता शर्मा ने तीनों पत्रकारों - संजय कपूर, नवीन धमीजा, नवीन धमीजा पर आरोप लगाया है कि कुछ लोगों के साथ साजिश करके जान बूझकर मेरे दामन पर कीचड उछला गया. तीनों पत्रकारों सहित मुख्य आरोपी शिव कुमार मुदगल को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया जहाँ से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया, आज उन्हें फिर से ड्यूटी मजिस्ट्रेट गरिमा यादव के सामने पेश किया गया जहाँ से चारों आरोपियों को 14 दिन के लिए नीमका जेल भेज दिया गया. कल उनकी बेल पर सेशन जज अशोक कुमार की अदालत में सुनवाई होगी.

इस मामले में हमने अनीता शर्मा के वकील एलएन पाराशर से बातचीत की, हमने उनसे पूछा कि राजनेताओं के चक्कर में आप पत्रकारों के खिलाफ क्यों खड़े हो गए हैं, उन्होंने जवाब में कहा कि मेरा राजनीति से कोई लेना देना नहीं है और ना ही मैं पत्रकारों के खिलाफ हूँ, मैं तो उनके साथ हूँ, अनीता शर्मा मेरी क्लाइंट है और क्लाइंट का केस लड़ना वकील की ड्यूटी होती है, मैं सिर्फ अनीता शर्मा का केस लड़ रहा हूँ.

पत्रकारों के खिलाफ खड़े होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं कभी नहीं चाहता कि कोई पत्रकार जेल जाए क्योंकि उनसे कभी कभी गलती हो जाती है लेकिन उन्हें अपनी गलती स्वीकार करना भी आना चाहिए, अगर ये पत्रकार मेरी बात मान लेते तो मैं दोनों पक्षों में समझौता करा देता लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी, मैंने उनसे कहा कि सिर्फ इतना बता दीजिये कि आप लोगों ने यह काम किसके कहने पर किया है, लेकिन उन्होंने नहीं बताया.

वकील पाराशर ने कहा कि मैं कल भी रात 12 बजे तक कई पत्रकारों के साथ बैठा रहा, CIA के पास भी गया, मैंने उनसे यह भी कहा था कि आप लोग बेल एप्लीकेशन मत लगाना और कोर्ट में बहस मत करना तो हम समझौता करा देंगे लेकिन उन लोगों ने मेरी बात नहीं मानी और बहस करके बेल एप्लीकेशन भी लगा दी, अब अगर ये लड़ना चाहते हैं तो लड़ें. यह महिला के अपमान का मामला है इसलिए इसमें लड़कर बेल नहीं मिलेगी.

वकील पाराशर ने कहा कि पत्रकारों के जेल जाने पर मुझे भी दुःख है लेकिन यह कानून के तहत हुआ है, कोर्ट ने उन्हें जेल भेजा है. हमने समझौता करने की कोशिश की लेकिन वह लोग लड़ना चाहते है, इसमें मेरी कोई गलती नहीं है, मैं कल भी पत्रकारों के साथ था और आज भी पत्रकारों के साथ हूँ.

वकील एलएन पाराशर ने पत्रकारों को यह भी सन्देश दिया कि खबर लिखने से पहले चेक कर लेना चाहिए कि इसका आधार क्या है, किसी के दामन पर कीचड उछालने का हक किसी को नहीं है. इस केस के बाद पत्रकारों में भी ये सन्देश जाएगा और उनकी लेखनी में सुधार आएगा.
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