फरीदाबाद, 2 सितंबर। आजादी के 70 साल का जश्र पूरा हो गया है। नारी सम्मान व नारी सुरक्षा पर खूब लंबे चौड़े भाषण हुए लेकिन देश या प्रदेश में कहीं भी लड़कियां सुरक्षित नही हैं। आए दिन इनके साथ छेड़छाड की घटनाएं होती है। वूमन हेल्प एप के माध्यम से महिला सुरक्षा का राग अलाप रही हाईटेक फरीदाबाद पुलिस छेडछाड़ की घटनाओं का मामला आसानी से दर्ज नही करती है। ऐसा ही एक मामला फरीदाबाद के सेक्टर 37 पुलिस थाने के अंतगर्त नवीन नगर पुलिस चौकी क्षेत्र की पंचशील कालोनी निवासी नाबालिग का है जिसके साथ कुछ शरारती लोग छेडछाड करते हैं, झगड़ा करते हैं और चेहरे पर तेजाब फैंकने की धमकी देते हैं। लेकिन पुलिस पीडित की मदद करने के बजाय आरोपियों का साथ दे रही है। विगत दो महीने से भी ज्यादा समय से पीडित नाबालिग की अभी तक पुलिस ने शिकायत दर्ज नही की है।
पंचशील कालोनी निवासी 15 वर्षीय नाबालिग अपने पिता दिलीप बेरा के साथ पुलिस चौकी, पुलिस थाना, एसीपी, डीसीपी, पुलिस आयुक्त कार्यालय एवं सीएम विंडों में लिखित शिकायत दे देकर थक चुकी है, लेकिन मदद तो दूर मामला तक पुलिस ने दर्ज नही किया, बिना मामला दर्ज किए पुलिस आखिर कैसे पीडित को न्याय दे पाएगी? हर दरवाजे पर न्याय की गुहार लगा चुकी पीडित नाबालिग ने मीडिया को अपने लिखित ब्यान के माध्यम से बताया कि उन्होंने सबसे पहले उक्त मामले की एप्लीकेशन 29 मई, 2016 को दी, उसके बाद सीएम विंडों में 1 जून, 2016 को पीडित के पिता दिलीप बेरा और 30 जून, 2016 को पीडित नाबालिग लडकी ने शिकायत दी लेकिन दोनो को डिस्पोज कर दिया गया।
पीडित नाबालिग ने बताया कि पिछले ढाई महीने से हम लोग शिकायत लेकर पुलिस के उच्च अधिकारियों के चक्कर काट रहे है लेकिन कोई कार्रवाई नही हो रही है उल्टा आरोपी देवेंद्र कुमार, उनकी पत्नी, गोविंदा का भाई राजा, ममता कुमारी, रामसजीवन, अजय कुमार है जिनकी शिकायत की कार्रवाई मात्र से उक्त सभी आरोपी आए दिन हमारे घर पर पथराव करते हैं राह चलते छेड़छाड करते हैं, हमे जान से मारने की धमकी देते हैं और तेजाब चेहरे पर फैंकने की धमकी देते हैं। जिसकी शिकायत हमने पहले नवीन नगर चौकी में उसके बाद 2 जुलाई, 2016 को एसएचओ सेक्टर 37 सराय ख्वाजा को लिखित शिकायत की लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नही की, उल्टा शिकायत की कार्रवाई करते ही आरोपियों ने हमें और ज्यादा तंग करना शुरू कर दिया है।
नाबालिग और पीडित परिवार ने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार, उपायुक्त, डीजीपी हरियाणा, महिला आयोग, महिला थाने तक में शिकायत भेजी लेकिन उनकी कोई कार्रवाई नही हुई। पीडित नाबालिग ने मीडिया को अपने लिखित ब्यान के माध्यम से कहा कि सुशासन वाली सरकारों में आजादी के 70 साल बाद भी महिलाएं असुरक्षित हैं उनके साथ आए दिन छेडछाड़ की घटनाएं होती हैं लेकिन स्थानीय पुलिस महिलाओं की मदद करने की बजाय आरोपियों की ही मदद करती है।
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