जब बाल पंचायत ने अपने समुदाय में बढ़ते प्लास्टिक कचरे का मुद्दा उठाया, तो उन्होंने प्लास्टिक कचरे को पुन: उपयोग करने योग्य बिल्डिंग ब्लॉक्स बनाने के लिए अपसाइक्लिंग की अवधारणा (अपशिष्ट पदार्थों को अधिक मूल्य के नए उत्पादों में बदलने की प्रक्रिया) का प्रयास करने का निर्णय लिया।
एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेज की देखभाल करने वालों और एक स्थानीय संगठन के स्वयंसेवकों के सहयोग से, बच्चों ने सीखा कि बेकार प्लास्टिक (उपयोग किए गए और फेंके गए प्लास्टिक / कैरी बैग, रैपर, आदि) को प्लास्टिक वाटर बॉटल्स के भीतर कैसे भरते हैं और उन्हें कैसे बॉटल ब्रिक में बदलते हैं। ये ब्रिक घनत्व वाले होते हैं ओर मिट्टी की ईंटों की तरह मजबूत और टिकाऊ होते हैं और इनका उपयोग छोटे–छोटे निर्माण में किया जा सकता है।
हर रविवार को, बाल-पंचायत के बच्चे अपने घर से कुछ घंटों का समय निकाल कर 4000 से अधिक घरों वाले समुदाय में से प्लास्टिक कचरा और पानी की बोतलें इकट्ठा करते हैं। वे सामुदायिक कार्य केंद्र में एकत्रित होते हैं और वहां जमा किए गए प्लास्टिक कचरे से बोतल की ईंटें बनाईं। धीरे-धीरे, उन्होंने लगभग 300 बोतल ईंटें बना ली, जिनमें से प्रत्येक का वजन लगभग 200 ग्राम होता है। इन ईंटों से उन्होंने बेंचों का निर्माण किया और एनिमेटरों और एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेज के सहकर्मियों के सहयोग से उन बेंचों को समुदाय में लगाया।
बाल पंचायत के बच्चों ने बोतल की ईंटों को इको-ईंट का नाम दिया है - क्योंकि ये ईंटें पर्यावरण के विशाल मूल्य का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन ईंटों के कारण घरेलू प्लास्टिक कचरे को नालों में जाने तथा इन प्लास्टिक कचरे को विषाक्त पदार्थों या सूक्ष्म प्लास्टिक बनने से रोका जा रहा है और इस तरह से भोजन और पानी को दूषित होने से रोका जा रहा है।उनकी भविष्य की योजना बेंच और डस्टबिन जैसी संरचनाओं का निर्माण करने के लिए अधिक से अधिक इको ईंटें बनाने की है ताकि ऑटो पिन स्लम समुदाय की स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
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