फरीदाबाद, 6 मार्च: कोरोना महामारी बहुत ही खतरनाक है, यह गरीबों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा सकती है, अमीर लोग तो किसी बड़े हॉस्पिटल में इलाज करवा सकते हैं लेकिन गरीब लोग तो सरकारी अस्पतालों के भरोसे रहते हैं, गरीबों से इस बीमारी को बचाने के लिए पुलिस प्रशासन काफी सख्ती भी करता है, कई बार कुछ लोगों पर पुलिस का डंडा भी चल जाता है, पुलिस का एकमात्र उद्देश्य यही होता है कि लोग ज्यादा से ज्यादा अपने घरों में रहें ताकि वे कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकें।
कई बार डंडा मारते हुए फोटो सोशल मीडिया पर कुछ लोग फोटो या वीडियो वायरल कर देते हैं और कहते हैं कि पुलिस गरीबों पर जुल्म कर रही है, लेकिन वही पुलिस आज गरीबों को ढूंढ ढूंढ कर भोजन दे रही है और उनकी जान बचा रही है, ऐसा किसी एक राज्य में नहीं हो रहा है बल्कि अधिकतर राज्यों में हो रहा है.
फरीदाबाद पुलिस भी गरीबों का पेट भरने में अपनी पूरी ताकत लगा रही है, रोजाना कम से कम 4000 लोगों का भोजन बनता है और गरीबों को दिया जाता है, 2000 पैकेट CIA दफ्तर बड़खल में और 2000 पैकेट भोजन मिसिंग सेल में बनता है.
फरीदाबाद के पुलिस कर्मी दिन भर गरीबों को ढूंढ ढूंढ कर भोजन देते हैं, इस वक्त पुलिस कर्मियों को 18 - 20 घंटे तक काम करना पड़ रहा है, ये लोग अपने परिवार के साथ भोजन भी नहीं कर पाते और दिन भर सड़कों पर खड़े रहकर जनता की इस बीमारी से रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं.
जनता अगर लॉक डाउन का पालन करे, पुलिस प्रशासन का सहयोग करे तो कोरोना वायरस की महामारी से बचा जा सकता है, सरकार चाहती है कि हम ज्यादा से ज्यादा समय अपने घरों में रहें तो हमें सरकार की बात माननी ही होगी।
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