फरीदाबाद, 5 सितम्बर: फरीदाबाद जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान और वरिष्ठ अधिवक्ता एलएन पाराशर फरीदाबाद कोर्ट के वन मैन आर्मी हैं, वह वकालत करने के साथ साथ कोर्ट की सभी समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं. उन्होंने कोर्ट में भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए न्यायिक सुधार संघर्ष समिति नाम से एक संस्था का भी गठन किया है.
वकील एल एन पाराशर कई दिनों से कोर्ट के युवा वकीलों को फ्री में कानूनी किताबें बाँट रहे हैं, उन्होंने सीनियर वकीलों को भी किताबें बाँट दीं जिसकी वजह से उनकी जमकर तारीफ हुई. अब तक वकील पाराशर 700 किताबें बाँट चुके हैं, उन्होंने अपना अभियान दो दिन में ही ख़त्म कर दिया था लेकिन अभी भी कुछ लोग किताबें लेने आ जाते हैं, वकील एलएन पाराशर ने बताया कि अगर कोर्ट की लाइब्रेरी में सरकार किताबों की व्यवस्था करे और युवा वकीलों को मुक्त में किताबें दी जाएं तो मुझे यह काम करने की जरूरत नहीं थी लेकिन सरकार इस काम को नहीं कर सकी इसलिए मुझे करना पड़ा, मैंने युवा वकीलों को लेटेस्ट वर्जन की किताब दी है ताकि वह उसे पढ़ें और कोर्ट में अपने केस की अच्छी तरह से पैरवी कर सकें.
एलएन पाराशर लीगल सेल में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, वह कोर्ट परिसर में शुद्ध पानी ना होने की भी शिकायत करते हैं, भ्रष्ट बाबुओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं, फोर्थ क्लास कर्मचारियों के हो रहे शोषण के खिलाफ भी आवाज उठाते हैं. कोर्ट में जिसे भी कोई समस्या होती है वह एलएन पाराशर के पास दौड़ा आता है.
वकील एल एन पाराशर खुद को कोर्ट का वन मैन आर्मी बताते हैं, उनका कहना है कि मैं कोर्ट में अपनी मर्जी से काम करता हूँ, सबकी शिकायतें सुनता हूँ, सबकी मदद करता हूँ, युवा वकीलों के भविष्य को बेहतर बनाना चाहता हूँ, भ्रष्टाचार ख़त्म करना चाहता हूँ. मुझे कोई चुनाव नहीं लड़ना, मैं सिर्फ गरीबों को न्याय दिलाने के लिए यह सब कर रहा हूँ.
एडवोकेट एलएन पाराशर ने बताया कि अमीरों से पूरी फीस लेते हैं लेकिन गरीबों का केस मुफ्त में लड़ते हैं, अगर किसी गरीब को कहीं से न्याय नहीं मिलता तो मेरे पास आता है और मैं उसकी पूरी मदद करता हूँ.
वकील एलएन पाराशर आगामी 2 अक्टूबर को फरीदाबाद में एक समिनार का भी आयोजन करने वाले हैं जिसमें हरियाणा के कई वकील और रिटायर्ड जज शामिल होंगे, वकील पराशर सेमिनार में भ्रष्टाचार की पोल खोलने के साथ साथ भ्रष्टाचार ख़त्म करने के लिए लोगों से समर्थन एवं राय मांगेंगे.
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