फरीदाबाद: कोरोना वायरस के इन्फेक्शन को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने कई कदम उठाये हैं, सबसे पहले कोरोना को महामारी घोषित किया गया और उसके बाद स्कूल, कॉलेज, सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में भीड़ कम करने के लिए कई आदेश दिए गए. प्राइवेट ऑफिस मालिकों से भी कहा गया है कि अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को उनके घर पर बिठाकर काम कराएं और ऑफिस ना बुलाएं।
हरियाणा में सब कुछ बंद हो रहा है, स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद हो गयी हैं लेकिन शिक्षक और स्टाफ की छुट्टी नहीं हो रही है जिसकी वजह से शिक्षक और स्टाफ डरे हुए हैं. कई शिक्षकों ने कहा कि क्या सरकार को हमारा ख्याल नहीं है, क्या हमें कोरोना का खतरा नहीं है, क्या हमारा घर परिवार कर बच्चे नहीं हैं. जब स्कूल, कॉलेज और अन्य संस्थान बंद हैं तो शिक्षकों को अन्य स्टाफ को स्कूल आने की जरूरत क्या है. हम भी घर बैठकर काम कर सकते हैं.
कई शिक्षकों ने बताया कि हम दूर से बसों, ऑटो और ट्रैन पकड़कर स्कूल आते हैं, हमें भी कोरोना का खतरा बना रहता है. सरकार को चाहिए कि शिक्षकों के लिए भी छुट्टी घोषित करें।
हरियाणा में सब कुछ बंद हो रहा है, स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद हो गयी हैं लेकिन शिक्षक और स्टाफ की छुट्टी नहीं हो रही है जिसकी वजह से शिक्षक और स्टाफ डरे हुए हैं. कई शिक्षकों ने कहा कि क्या सरकार को हमारा ख्याल नहीं है, क्या हमें कोरोना का खतरा नहीं है, क्या हमारा घर परिवार कर बच्चे नहीं हैं. जब स्कूल, कॉलेज और अन्य संस्थान बंद हैं तो शिक्षकों को अन्य स्टाफ को स्कूल आने की जरूरत क्या है. हम भी घर बैठकर काम कर सकते हैं.
कई शिक्षकों ने बताया कि हम दूर से बसों, ऑटो और ट्रैन पकड़कर स्कूल आते हैं, हमें भी कोरोना का खतरा बना रहता है. सरकार को चाहिए कि शिक्षकों के लिए भी छुट्टी घोषित करें।
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