फरीदाबाद: मुनेश शर्मा ने अपने पिता पंडित शिव चरण लाल शर्मा की याद में भावुक पोस्ट की है -
एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा...
आँख हैरान थी क्या शख़्स ज़माने से उठा।
आज के ही दिन 12 सितम्बर 2018 को सुबह 2:52 मिनट पर आप हमें सदा के लिए छोड़कर चले गए । मौत तो एक दिन सबको आनी है, ज़िंदगी में बस यही अटल सत्य है। अच्छे लोग कभी नहीं मरते वो अपनी माद्दी जिस्मानी सूरत से तो आज़ाद हो जाते हैं लेकिन उनकी यादें दिलों में हमेशा घर किए रहती हैं।
हर व्यक्ति के लिए आप बाबा के रूप मे बुजुर्ग थे तथा पूरा हरयाणा आपको NIT 86 का विकास पुरूष कहता है, कोई मसीहा कहता है , कोई कालोनियों का भगवान कहता है लेकिन मेरी नजर में आप एक परिपक्व सच्चाई के साथ देने वाले तथा अपने लोगों पर भरोसा करने वाले अच्छे इंसान थे।
हर वक्त समाजहित में प्रयासरत रहने वाले।
आप के जाने से आपके चाहने वालों को किसी ना किसी रूप में अपूर्णीय क्षति जरूर हुई, समाज ने एक अनमोल व्यक्ति खोया, राजनीति ने एक कुशल व कर्मठशील नेता व मैने अपना सब कुछ
अगर मैं व्यक्तिगत तौर पर अपनी बात करूं तो सुबह उठने के साथ ही घर के बाहर वह कुर्सी याद आती हैं जहां आप सुबह उठ कर पूरे परिवार को बैठे मिलतें थे
कुछ बातें बडी याद आती हैं जैसे हमेशा कम खर्च करने के लिए प्यार से डांटना, अपने संघर्ष के दिनों के बारे मे बताना गांव के उन बडे बुजुर्गों (जो मेरे बचपन में ही गुजर गये) के बारे में बात करना जिनके केवल नाम ही सुने थे इत्यादि...
ठीक सालभर पहले आप को विदा करके गढगंगा से आते वक्त दिल से आवाज निकली "#बाबा_आप_हमारे_दिलों_में_रहोगे" जो आज जन- जन की आवाज बन गयी है।
अंत में बस एक बात....
नेता बनना कोई बडी बात नहीं, नेता तो कोई भी बन जाए, लेकिन मेरा मानना है कि #बाबा_शिवचरण_लाल_शर्मा बनने में वक्त लगता है ।
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