फरीदाबाद: हार के बाद सभी प्रत्याशियों को दुःख होता है लेकिन अवतार भडाना को थोडा ज्यादा दुःख हो रहा होगा क्योंकि उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत बड़ा रिश्क लेकर फरीदाबाद का चुनाव लड़ा था.
अवतार भडाना अच्छे खासे मीरापुर विधानसभा के विधायक थे. यूपी में भाजपा की बहुमत की सरकार है, योगी आदित्यनाथ उनका इतना सम्मान करते थे कि वह फरीदाबाद के अनंगपुर गाँव स्थिति उनके घर पर भी आ चुके हैं, उसके बाद भी अवतार भडाना ने उनका साथ छोड़ दिया और भाजपा पार्टी पर बड़े आरोप लगाकर कांग्रेस में शामिल हो गए.
कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी उन्होंने मीरापुर विधायक के पद से इस्तीफ़ा नहीं दिया है. फरीदाबाद लोकसभा चुनाव में उनकी करारी हार हो चुकी है इसलिए अब उनके पार सिर्फ तीन राजनीतिक विकल्प हैं.
पहला विकल्प
अवतार भड़ाना के सामने पहला विकल्प ये है कि वह पांच साल इन्तजार करें और कांग्रेस पार्टी की सेवा करें, अगर वह तन मन धन से कांग्रेस पार्टी की सेवा करेंगे और पांच साल इन्तजार करेंगे तो हो सकता है कि उन्हें अगले लोकसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस की टिकट मिल जाए. लेकिन सत्ता के बगैर रहने वाले अवतार भड़ाना क्या पांच साल इन्तजार कर पाएंगे ये बहुत बड़ा सवाल है.
दूसरा विकल्प
अवतार भडाना के पास दूसरा विकल्प ये है कि वह आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में फरीदाबाद जिले या पलवल जिले की किसी विधानसभा का टिकट मांगे. उनके लिए बेहतर यही होगा कि वह हथीन विधानसभा की टिकट मांगे और वहां से चुनाव लड़कर विधायक बनने का प्रयास करें. हथीन सीट उनके लिए इसलिए बेहतर रहेगी क्योंकि लोकसभा चुनाव में उन्हें हथीन विधानसभा सीट से ही सबसे अधिक वोट मिले हैं. अवतार भड़ाना को यहाँ से 63307 वोट मिले जबकि कृष्णपाल गुर्जर को 67887 वोट मिले. अवतार भडाना यहाँ पर भी कृष्णपाल गुर्जर से हारे हैं लेकिन अगर कड़ी मेहनत करेंगे तो यहाँ से उनकी जीत हो सकती है. अवतार भडाना ने खुद को मेवात का बेटा बताया था जिसका फायदा हुआ और हथीन से उन्हें अच्छे वोट मिले. देखिये नीचे -
अवतार भडाना अच्छे खासे मीरापुर विधानसभा के विधायक थे. यूपी में भाजपा की बहुमत की सरकार है, योगी आदित्यनाथ उनका इतना सम्मान करते थे कि वह फरीदाबाद के अनंगपुर गाँव स्थिति उनके घर पर भी आ चुके हैं, उसके बाद भी अवतार भडाना ने उनका साथ छोड़ दिया और भाजपा पार्टी पर बड़े आरोप लगाकर कांग्रेस में शामिल हो गए.
कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी उन्होंने मीरापुर विधायक के पद से इस्तीफ़ा नहीं दिया है. फरीदाबाद लोकसभा चुनाव में उनकी करारी हार हो चुकी है इसलिए अब उनके पार सिर्फ तीन राजनीतिक विकल्प हैं.
पहला विकल्प
अवतार भड़ाना के सामने पहला विकल्प ये है कि वह पांच साल इन्तजार करें और कांग्रेस पार्टी की सेवा करें, अगर वह तन मन धन से कांग्रेस पार्टी की सेवा करेंगे और पांच साल इन्तजार करेंगे तो हो सकता है कि उन्हें अगले लोकसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस की टिकट मिल जाए. लेकिन सत्ता के बगैर रहने वाले अवतार भड़ाना क्या पांच साल इन्तजार कर पाएंगे ये बहुत बड़ा सवाल है.
दूसरा विकल्प
अवतार भडाना के पास दूसरा विकल्प ये है कि वह आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में फरीदाबाद जिले या पलवल जिले की किसी विधानसभा का टिकट मांगे. उनके लिए बेहतर यही होगा कि वह हथीन विधानसभा की टिकट मांगे और वहां से चुनाव लड़कर विधायक बनने का प्रयास करें. हथीन सीट उनके लिए इसलिए बेहतर रहेगी क्योंकि लोकसभा चुनाव में उन्हें हथीन विधानसभा सीट से ही सबसे अधिक वोट मिले हैं. अवतार भड़ाना को यहाँ से 63307 वोट मिले जबकि कृष्णपाल गुर्जर को 67887 वोट मिले. अवतार भडाना यहाँ पर भी कृष्णपाल गुर्जर से हारे हैं लेकिन अगर कड़ी मेहनत करेंगे तो यहाँ से उनकी जीत हो सकती है. अवतार भडाना ने खुद को मेवात का बेटा बताया था जिसका फायदा हुआ और हथीन से उन्हें अच्छे वोट मिले. देखिये नीचे -
विधानसभा क्षेत्र | कृष्णपाल गुर्जर | अवतार भडाना |
---|---|---|
82-हथीन | 67887 | 63307 |
83-होडल | 84281 | 21868 |
84-पलवल | 109931 | 19193 |
85-पृथला | 89528 | 24718 |
86-फरीदाबाद NIT | 111557 | 33491 |
87-बडखल | 108173 | 33698 |
88-बल्लभगढ़ | 103707 | 20226 |
89-फरीदाबाद | 100539 | 26323 |
90-तिगांव | 135184 | 31931 |
पोस्टल वोट | 2435 | 228 |
कुल वोट | 913222 | 274983 |
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