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करण दलाल के घर पर लगी समर्थकों की भीड़, हर कोई कांग्रेस आलाकमान से नाराज, ले सकते हैं बड़ा फैसला

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फरीदाबाद: करण दलाल को लोकसभा टिकट ना मिलने से उनके तमाम समर्थक नाराज हैं, उनके घर पर आज सुबह से ही भीड़ जमा है, करण दलाल ने अपना फोन बंद कर रखा था लेकिन अचानक ललित नागर उन्हें मनाने पहुँच गए लेकिन करण दलाल ने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया है. ललित नागर ही उनके रास्ते का काँटा बन गए और रॉबर्ट से अपने लिए टिकट की सिफारिश करवा दी.

करण दलाल के समर्थकों में कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ बड़ा रोष है, पलवल की जनता ने करण दलाल को लोकसभा चुनाव लड़ाने की पूरी तैयारी कर ली थी, फरीदाबाद में भी उन्हें ललित नागर से ज्यादा समर्थन मिल रहा था, सर्वे भी करण दलाल ललित नागर से बहुत आगे थे इसके बावजूद भी उन्हें टिकट नहीं मिली.

इस बात को करण दलाल के समर्थक भी समझ रहे हैं, उनकी नजर में करण दलाल के साथ अन्याय हुआ है, यही रोष प्रकट करने और करण दलाल का हौसला बढाने के लिए उनके समर्थक उनके आवास पर पहुँच रहे हैं. अपने समर्थकों की मांग पर करण दलाल कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. कांग्रेस में उन्हें वह मान-सम्मान नहीं मिला वह जिसके हकदार थे, वह पांच बार पलवल के विधायक रहे हैं, कद्दावर नेता हैं और लोकप्रियता में वह हुड्डा को टक्कर देते हैं इसके बावजूद भी उन्हें लोकसभा उम्मीदवार नहीं बनाया गया जो उनके समर्थकों को रास नहीं आ रहा है.

करण दलाल भी टिकट ना मिलने से काफी आहत हैं, जिस दिन उन्हें सिलेक्शन कमीटी ने चुना था उसके बाद उनके समर्थकों में उत्साह का माहौल था लेकिन अब उत्साह गम में बदल गया है. करण दलाल भी काफी आहत महसूस कर रहे हैं, फोटो में साफ साफ़ देखा जा सकता है, हमेशा खुश रहने वाला चेहरा बुझा बुझा सा दिख रहा है.

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सर्वे में भी ललित पर भारी थे करण दलाल

अधिकतर कांग्रेसी करण दलाल के लिए ही टिकट की मांग कर रहे थे, लोगों की भावनाओं को देखते हुए हमने अपने फेसबुक पेज पर एक सर्वे किया, हमने पाठकों से पूछा - आप ही बताइये, करण दलाल और ललित नागर में से कांग्रेस में लोकसभा सीट के लिए कौन बेहतर उम्मीदवार है.

प्रश्न के जवाब में 58 फ़ीसदी लोगों ने करण दलाल के पक्ष में मतदान किया जबकि सिर्फ 42 फ़ीसदी कांग्रेसियों ने ललित नागर के पक्ष में मतदान किया. करण दलाल को ललित नागर से 16 फ़ीसदी अधिक समर्थन मिला तो बहुत अधिक है क्योंकि दोनों एक ही पार्टी के हैं. अब देखते हैं कि कांग्रेस आलाकमान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का ख्याल रखता है या नहीं.

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