फरीदाबाद: अवतार भड़ाना तीन बार फरीदाबाद से सांसद रहे हैं जबकि एक बाद मेरठ से सांसद रहे हैं. वह चार बार कांग्रेस पार्टी से सांसद रहे हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने पहले इनेलो ज्वाइन किया और बाद में भाजपा ज्वाइन करके मोदी लहर में मीरपुर से विधायक बन गए.
कुछ दिनों पहले उन्होंने भाजपा से इस्तीफ़ा देकर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. उन्हें फरीदाबाद से लोकसभा टिकट देने का भरोसा दिया गया था लेकिन उनका भरोसा टूट गया. उन्हें फरीदाबाद लोकसभा से टिकट नहीं मिली.
अब अवतार भडाना के पास दो विकल्प हैं, वह निर्दलीय या अन्य पार्टी से फरीदाबाद से चुनाव लड़ सकते हैं या मीरपुर वापस लौट सकते हैं. अवतार भडाना चालाक नेता हैं, उन्होंने भले ही भाजपा से इस्तीफ़ा दे दिया लेकिन विधायक पद से इस्तीफ़ा नहीं दिया है. सैलरी और अन्य लाभ उन्हें मिल रहे हैं, अगर योगी सरकार चाहे तो दल-बदल कानून तोड़ने के दोष में उन्हें विधायक पद से भी हटवा सकती है लेकिन भाजपा इतना कडा एक्शन कम ही लेती है, अगर अवतार भडाना चाहें तो भाजपा में वापस लौट सकते हैं, हो सकता है योगी उन्हें माफ़ कर दें.
अवतार भडाना ने 14 फ़रवरी 2019 को प्रियंका वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी, उससे पहले उन्होंने भाजपा के सभी पदों से इस्तीफ़ा दे दिया था. इस्तीफ़ा देते समय उन्होंने भाजपा पर संगीन आरोप लगाये थे, उन्होंने कहा था कि पूरी पार्टी पूंजीपतियों के कब्जे में है, मुझे यहाँ पर मान-सम्मान नहीं मिल रहा है इसलिए मैंने कांग्रेस में वापस लौटने का फैसला किया है, मैं भले ही भाजपाई हूँ लेकिन मेरा मन हमेशा कांग्रेस के बारे में सोचता है.
इससे पहले शत्रुधन सिन्हा और कीर्ति आजाद जैसे नेता भी भाजपा में होते हुए ऐसे ही आरोप लगाए थे लेकिन भाजपा ने उनपर कभी कड़ी कार्यवाही नहीं की. ये लोग अपने आप पार्टी से निकल गए. अवतार भड़ाना को भी वापसी का मौका दिया जा सकता है.
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