फरीदाबाद: 2014 में नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, उन्होंने खुद को देश का चौकीदार बताया और चोरों की लूट ख़त्म करने का वादा किया, देश में चोरी कई चीजों में हो रही थी, सबसे अधिक लूट दवाओं में होती थी जिसकी वजह से गरीबों का जीना मुश्किल था.
अगर आपको याद हो तो - दवाओं पर MRP कई गुना अधिक लिखा होता था, जिस दवा पर अधिक MRP लिखा होता था, मेडिकल स्टोर वाले वही दवा रखते थे और डॉक्टर कमीशन के लिए वही दवाओं को लिखते थे.
उदाहरण के लिए - दवा कम्पनियाँ अपनी दवाओं को बेचने के लिए पत्तों पर MRP कई गुना अधिक लिखती थी, दवा का दाम 10 रुपये होता था तो उसपर 100 रुपये लिख दिया जाता था, मेडिकल स्टोर वालों को दवा 10 रुपये में मिलती थी लेकिन मूल्य 100 रूपया लिखे होने की वजह से वे मरीजों से 100 रुपये लेते थे, बचे हुए 90 रुपये डॉक्टर और मेडिकल स्टोर वाले बाँट लेते थे.
जब से GST बिल आया, दवा कंपनियों का MRP काण्ड ख़त्म हो गया क्योंकि अब MRP पर ही GST लगता है, GST के बाद मरीजों को सस्ते दामों में दवा मिलने लगी, दवा कंपनियों और मेडिकल स्टोर वालों और डॉक्टरों का खेल ख़त्म हो गया.
पहले Ciplox टेबलेट का 10 गोलियों का पत्ता 90-110 में मिलता था लेकिन अब 37 रुपये में मिलने लगा, इसी तरह से जो इंजेक्शन 3500 में मिलते थे वही इंजेक्शन आज 300-500 रुपये में मिलने लगे हैं.
चौकीदार की वजह से दवा कंपनियों की लूट ख़त्म हो गयी वरना जनता की आधी कमाई दवाओं में ही जाती थी, इसके अलावा जन औषधि केंद्र खुलने के बाद जेनेरिक दवाओं को काफी सस्ते दामों में बेचा जा रहा है जिसकी वजह से जनता को बहुत लाभ मिल रहा है.
कुछ मेडिकल स्टोर वाले अभी भी ज्यादा MRP वाली दवाइयां बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं लेकिन इससे बचने के लिए आप Dabit/Credit कार्ड से पेमेंट करें और उनसे बिल मांगे, अगर वे आपसे अधिक पैसा लेंगे तो आप FIR कर सकते हैं या Consumer Forum में शिकायत कर सकते हैं.
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