फरीदाबाद, 21 अक्टूबर: 2014 विधानसभा चुनावों से पहले किसी को पता नहीं था कि मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा लेकिन उन्हें अचानक मुख्यमंत्री बना दिया गया. इसी तरह से फरीदाबाद के किसी भी नागरिक को नहीं पता था कि पहली बार विधायक बने बिना-अनुभव वाले विपुल गोयल को उद्योग और पर्यावरण मंत्री बना दिया जाएगा लेकिन ऐसा किया गया और दोनों को बिना अनुभव के मुख्यमंत्री और मंत्री बनाया है, दोनों ही फरीदाबाद और हरियाणा के लिए एक्सीडेंटल हैं.
इसका फल फरीदाबाद को भुगतना पड़ रहा है, फरीदाबाद में हर तरफ गन्दगी है, हर विभाग में भ्रष्टाचार है, अधिकारी बेलगाम हैं. जनता की शिकायत की सुनवाई नहीं होती, यहाँ तक कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती, सीएम विंडो पर लोग दौड़ते भागते परेशान रहते हैं लेकिन अधिकतर मामलों में कोई सुनवाई नहीं होती.
ईको ग्रीन कंपनी को शहर को कूड़ा मुक्त करने के लिए लाया गया था लेकिन कूड़ा तो ख़त्म नहीं हुआ उल्टा जनता से अवैध और फर्जी पर्चियों के जरिये वसूली की जा रही है, एक्सीडेंटल मंत्री चुपचाप देख रहे हैं, सरकार, इनकम टैक्स विभाग और जनता से धोखाधड़ी करने वालों पर कोई एक्शन नहीं हो रहा है.
इसी तरह से शहर में अपराध बढ़ता जा रहा है, कोई भी बदमाश किसी का भी हाथ पैर तोड़कर जमानत ले रहा है लेकिन एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री और एक्सीडेंटल मंत्री का कानून उन्हें सजा नहीं दे पा रहा है और वो साठ-गाँठ करके बच निकलते हैं.
एक्सीडेंटल मंत्री बहुत ताकतवर हैं लेकिन अपनी चीजों में ही ताकत दिखाते हैं, आपने देखा होगा बाटा चौक की कबाड़ी मार्किट को किस तरह से सैकड़ों पुलिस वालों और बड़े बड़े अधिकारियों को खड़ा करके ढहा दिया गया था. उस वक्त तो इनके पास बहुत ताकत आ गयी थी, अपने ख़ास की प्रॉपर्टी को खाली कराने के लिए पुलिस प्रशासन की पूरी ताकत लगा दी गयी थी.
अगर तहसीलों में भ्रष्टाचार और घूसखोरी की बात करें तो तहसीलदार ऑन रिकॉर्ड स्वीकार कर रहा है कि गड़बड़ी होती है और काम में सुधार लाया जाएगा, उसपर कोई कार्यवाही नहीं होती, कई कर्मचारी भी स्वीकार कर रहे हैं कि तहसीलदार किसी गुप्त ऑफिस में बैठकर रजिस्ट्री कर रहा है लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती, इसी तरह से लगभग सभी विभागों में भ्रष्टाचार है, जनता परेशान है.
अगर अवैध निर्माण और अवैध कब्जे की बात करें तो अरावली पर आज भी अवैध निर्माण जारी है, एक्सीडेंटल मंत्री हरियाण राज्य के पर्यावरण मंत्री भी हैं इसके बावजूद भी हरियाणा सरकार डेलाईट गार्डन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में नहीं गयी इसका कारण यह है कि डेलाईट के बगल में उनके एक ख़ास का फार्म हाउस है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कान्त एन्क्लेव को 31 दिसम्बर से पहले ढहाने के आदेश दिए हैं लेकिन अभी तक एक ईंट भी नहीं तोड़ी गयी है उल्टा उन्हें सुप्रीम कोर्ट में मर्सी पेटीशन डालने का समय दिया जा रहा है.
अगर शहर में ग्रीन बेल्ट पर कब्जे की बात करें तो आपको शर्म आएगी, हर जगह ग्रीन बेल्ट पर कब्जे हो रहे हैं, पर्यावरण मंत्री को ग्रीन बेल्ट पर पेड़-पौधे लगवाने चाहिए थे लेकिन ग्रीन बेल्ट पर लोग कब्जे करके कहीं पार्किंग, कहीं दुकानें, कहीं मकान और कहीं काम्प्लेक्स बना लेते हैं, पुलिस प्रशासन और सरकार का किसी को डर नहीं है.
अगर शहर में ग्रीन बेल्ट पर कब्जे की बात करें तो आपको शर्म आएगी, हर जगह ग्रीन बेल्ट पर कब्जे हो रहे हैं, पर्यावरण मंत्री को ग्रीन बेल्ट पर पेड़-पौधे लगवाने चाहिए थे लेकिन ग्रीन बेल्ट पर लोग कब्जे करके कहीं पार्किंग, कहीं दुकानें, कहीं मकान और कहीं काम्प्लेक्स बना लेते हैं, पुलिस प्रशासन और सरकार का किसी को डर नहीं है.
नगर निगम में हर तरफ भ्रष्टाचार और घोटाले हो रहे हैं लेकिन अखबारों में कार्यवाही की ख़बरें तो आती हैं लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होती, हार्डवेयर चौक पर खुलेआम अवैध दूकान का निर्माण हुआ, बार बार ख़बरें दिखाने पर दुकानों को सिर्फ सील किया गया, उन्हें तोडा नहीं गया. सील करने का फायदा क्या है, इसमें भी एक्सीडेंटल मंत्री का हाथ बताया जा रहा है.
अगर एक्सीडेंटल मंत्री चाहते तो अन्य भाजपा नेताओं के साथ मिलकर शहर का विकास करा सकते थे लेकिन वह राजनीति करने में व्यस्त हैं, वह विपक्षी पार्टी या विरोधी नेताओं के साथ मिलकर अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ साजिश कर रहे हैं, सारा ध्यान इसमें है तो शहर का विकास क्या करेंगे.
एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री और एक्सीडेंटल मंत्री ने मिलकर फरीदाबाद को विश्व का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बना दिया, आज हर तरफ गन्दी दिखती है, नालियाँ जाम रहती हैं, जनता किसी से शिकायत करती है तो कोई सुनवाई नहीं होती. भ्रष्टाचार पहले से बढ़ गया है. ऐसा लगता है कि एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री और एक्सीडेंटल मंत्री जनता को मूर्ख समझते हैं.
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