सुरेंद्र सिंह ने बताया कि असंगठित मजदूरों के रजिस्ट्रेशन का कार्य किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। पंजीकृत करवआते समय आवेदक के पास अपना आधार कार्ड नंबर, बैंक खाता और मोबाइल नंबर होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि छोटे किसान, कृषि क्षेत्र में लगे मजदूर, पशुपालक ,मछली विक्रेता, मोची, ईट- भट्टा पर काम करने वाले घरों में काम करने वाले, रेडी वाले न्यूजपेपर वेंडर, कारपेंटर, प्लंबर रिक्शा चालक, मनरेगा वर्कर, दूध विक्रेता, स्थानांतरित लेबर, नाई, आशा वर्कर, चाय विक्रेता व ऐसे मजदूर जो किसी संगठन के साथ नहीं जुड़े सभी यूनिक आईडी कार्ड बना सकते हैं। उप-श्रम आयुक्त फरीदाबाद ने बताया कि पंजीकरण के लिए आवेदन करने की उम्र 16 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक का पीएफ और ईएसआई खाता नहीं होना चाहिए, आवेदक किसी भी संगठित समूह या संस्था का सदस्य नहीं होना चाहिए।
सुरेंद्र सिंह ने कामगारों, असंगठित कामगारों के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने पर मिलने वाले लाभों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ई-श्रम कार्ड पूरे भारत में स्वीकार्य होगा, पीएमएसबीआई के तहत दुर्घटना बीमा कवरेज मिलेगा, विभिन्न प्रकार के सामाजिक सुरक्षा लाभों का वितरण ई- श्रम के द्वारा किया जाएगा, आपदा या महामारी जैसी कठिन परिस्थितियों में केंद्र व राज्य सरकारों से मदद प्राप्त करने में आसानी होगी, दुर्घटना से हुई मृत्यु तथा स्थाई रूप में विकलांग होने पर 2 लाख रुपये, आंशिक रूप से विकलांग 1 लाख रुपये की अनुदान राशि प्राप्त होगी। इसके साथ ही पंजीकरण के लिये आवश्यक शर्त एवं प्रक्रिया बारे उन्होंने बताया कि कामगार की आयु 16 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए, ईपीएफओ का सदस्य नहीं होना चाहिए, एनसीपी का सदस्य नही होना चाहिए, कामगार आयकर दाता नही होना चाहिए, कामगार स्वयं ई- श्रम पोर्टल www.eshram.gov.in पर पंजीकरण कर सकते हैं.
कामगार नजदीकी सेवा केन्द्रों कॉमन सर्विस सेंटर, सीएससी/अटल सेवा केंद्र(एएसके) में जाकर मुफ्त में पंजीकरण करवा सकते हैं। ई-श्रम कार्ड बनते ही इन असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ मिल जाएगा। इसका एक साल का खर्चा भी सरकार द्वारा सम्मान किया जाएगा, असंगठित श्रमिक किस वर्ग से है का खाता चेक करने के बाद सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की मंत्रालय और सरकार ने चलाई हैं। उन्हें आसानी से क्रियान्वित कर इनका लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा। इसके साथ ही स्वयं को की गतिविधियों और वह किस राज्य में किस राज्य में जा रहे हैं को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। जैसे कॅरोना आपदा के समय इन असंगठित श्रमिकों तक आसानी से मदद पहुंचाई जा सकेगी। जैसे करोना काल में इन्हें इनके घर तक पहुंचाना, खाने की व्यवस्था करना इत्यादि। रोजगार के अवसर भी इन श्रमिकों के वर्ग के हिसाब से सरकार सृजित करेगी, साथ ही यदि कहीं किसी विशेष वर्ग के मजदूरो की जरूरत होगी तो इसी यूनिक आईडी के माध्यम से इन लोगों को सूचित भी किया जा सकेगा।
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