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जब 7 निर्दलीय समर्थन दे रहे थे तो भाजपा को जजपा से गठबंधन करने की जरूरत क्यों पड़ी, पढ़ें

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फरीदाबाद, 26 अक्टूबर: हरियाणा में भाजपा और जजपा के गठबंधन की सरकार बनने जा रही है, मनोहर लाल एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे तो जजपा अपनी तरफ से दुष्यंत चौटाला या उनकी माँ नैना चौटाला को उप-मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान करेगी। 

कुछ लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि 40 सीटें जीतने वाली भाजपा को जब 7 निर्दलीय विधायक समर्थन दे रहे हैं तो भाजपा को जजपा से गठबंधन करने की जरूरत क्यों पड़ी. लोग सोच रहे हैं कि भाजपा को जजपा के बिना ही बहुमत मिल रहा है.

आपको शायद याद ना हो, पिछली बार भाजपा को 47 सीटें मिली थीं, बहुमत से सिर्फ दो ज्यादा। भाजपा ने पांच साल सरकार चलाई लेकिन भाजपा विधायकों ने ही गुटबाजी करके दो बार सरकार गिराने का प्रयास किया, दो विधायक तो खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते थे इसलिए खट्टर को कुर्सी से हटाने के लिए साजिश रची गयी लेकिन आलाकमान ने हालात को संभाल लिया और सरकार पर संकट नहीं आया। 

इस बार तो भाजपा को सिर्फ 40 सीटें मिली हैं। पांच निर्दलीय विधायक भाजपा से ही बगावत करके चुनाव लड़े थे और इन्होने चुनाव के दौरान भाजपा के खिलाफ खूब दुष्प्रचार किया था। भाजपा यह मान रही है कि जब ये लोग टिकट के लिए पार्टी से बगावत कर गए, पार्टी के खिलाफ ही चुनाव लड़ा, पार्टी की बदनामी की, ऐसे में कल को ये कुछ भी कर सकते हैं, इनका भरोसा नहीं किया जा सकता। या तो इनकी ब्लैकमेलिंग सहनी पड़ेगी या ये लोग बाद में सरकार गिरा देंगे। यह भी अफवाह फ़ैल गयी है कि निर्दलीय विधायक 50 करोड़ नकद और मनपसन्द मंत्री पद मांग रहे थे लेकिन इसकी पुष्टि नही हुई है। 

इसीलिए जजपा के साथ गठबंधन किया जा रहा है और सरकार में उन्हें हिस्सेदारी दी जा रही है। ऐसा करने पर पांच साल सरकार चलाई जा सकेगी। किसी की ब्लैकमेलिंग का शिकार भी नहीं होगा पड़ेगा। जब जजपा सरकार में हिस्सेदार रहेगी तो वह भी अपने पैर नहीं खींचेगी। 
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