फरीदाबाद, 26 अक्टूबर: तेजबहादुर यादव BSF में नौकरी करते थे, एक दिन उन्हें पतली दाल मिली तो उन्होंने उसकी वीडियो बनाकर पूरी दुनिया में वायरल कर दिया जिसकी वजह से भारत की पूरी दुनिया में बदनामी हो गयी, दुनिया को भारत पर हंसने का मौक़ा मिल गया. उसके बाद तेजबहादुर यादव को BSF से बर्खास्त कर दिया गया।
BSF के बाद तेज बहादुर यादव प्रधानमंत्री मोदी को हराने के लिए वाराणसी से चुनाव मैदान में कूद गए, उन्हें अखिलेश यादव ने सपा का टिकट दे दिया लेकिन उनका नामांकन गलत पाया गया और चुनाव आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया। उसके बाद तेजबहादुर यादव ने अखिलेश यादव की साइकिल भी छोड़ दी।
हरियाणा चुनाव से पहले तेजबहादुर यादव के मन में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से चुनाव लड़ने का ख्याल आया। वह करनाल से मुख्यमंत्री मनोहर के खिलाफ चुनाव मैदान में कूद पड़े तो उन्हें दुष्यंत चौटला ने अपनी पार्टी जेपेपी का टिकट दे दिया। तेजबहादुर चुनाव लड़े लेकन उनकी बुरी तरह से हार हुई और उनकी जमानत जब्त हो गयी।
अब तेजबहादुर यादव ने चाबी भी छोड़ दी है। उन्होंने दुष्यंत चौटाला के खिलाफ अनाप शनाप आरोप लगाकर जजपा पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है।
ऐसा लगता है कि तेजबहादुर यादव के अंदर छोड़ने की आदत है। यह भी हो सकता है कि वह 'छोड़कर' मशहूर होना चाहते हों। जब उन्होंने BSF की पतली दाल का वीडियो वायरल किया तो पूरी दुनिया में वह मशहूर हो गए क्योंकि दुनिया को भारत पर हंसने का मौका मिल गया। उसके बाद वह मोदी से लड़ने गए तो भी उन्हें लोकप्रियता मिली, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से लड़े तो भी उन्हें लोकप्रियता मिली। राजनीतिक पार्टियां भी उन्हें हाथों हाथ लेती हैं। जिन पार्टियों में लाखों-करोड़ों खर्च करने पर भी टिकट नहीं मिलती वहां तेजबहादुर यादव को मुफ्त में टिकट मिल जाती है।
अब दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं, हो सकता है कि तेजबहादुर यादव आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर लें और किसी बड़े भाजपा नेता के खिलाफ चुनाव लड़ें क्योंकि इससे उन्हें लोकप्रियता मिलेगी और अखबारों को भी मसाला मिल जाएगा। उसके बाद तेजबहादुर यादव AAP छोकर किसी और राज्य में चले जाएंगे और वहां किसी बड़े नेता के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, हो सकता है कि वह सबसे बड़ा छोड़ू या दलबदलू बनकर नाम कमाना चाहते हों।
Post A Comment:
0 comments: