फरीदाबाद: फरीदाबाद जिले में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर की वजह से भाजपा लोकसभा उम्मीदवार की भारी अंतर से जीत हुई, उससे पहले 2014 में भी मोदी लहर थी और कांग्रेस सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी जिसकी वजह से हरियाणा में भाजपा की सरकार बनी.
इस समय भी फरीदाबाद में मोदी लहर है और लोग भाजपा सरकार बनाना चाहते हैं लेकिन वर्तमान विधायकों के खिलाफ सबक सिखाओ लहर पैदा हो गयी है, इसकी वजह ये है कि खट्टर सरकार और मोदी सरकार ने फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए खूब पैसे दिए लेकिन अधिकतर पैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए.
आज जिधर देखो जलभराव, कूड़ा कचरा, कीचड, गन्दगी की समस्या है, सीवर ओवरफ्लो हो रहे हैं, साफ़ सफाई की व्यवस्था नहीं है. घटिया क्वालिटी के रोड और नालियाँ, सीवरेज सिस्टम बनाए जा रहे हैं जो कुछ दिनों में टूटने लगती हैं. बिजली का भी बुरा हाल है, पीने के पानी के लिए भी जनता परेशान है.
अगर वर्तमान विधायकों ने अच्छा काम किया होता और खट्टर सरकार द्वारा फरीदाबाद में विकास के लिए भेजे गए पैसे को सिर्फ विकास में लगाया जाता तो फरीदाबाद की तस्वीर बदल चुकी होती लेकिन ऐसा नहीं हुआ, अगर मथुरा रोड को छोड़ दिया जाए तो फरीदाबाद में ज्यादा विकास नहीं दिखता, मथुरा रोड केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट है इसलिए हाईवे और फ्लाईओवर की तस्वीर बदल गयी लेकिन विधानसभा क्षेत्रों की तस्वीर नहीं बदली.
कहने का मतलब ये है कि फरीदाबाद में मोदी लहर से इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन यहाँ पर सबक सिखाओ लहर भी पैदा हो गयी है, अगर उम्मीदवार बदले गए और इमानदार और महनती नेताओं को टिकट दिया गया तो फिर से मोदी लहर का असर दिखेगा, अगर वही उम्मीदवार रहे तो सबक सिखाओ लहर का असर दिखेगा. हो सकता है लोग भ्रष्ट नेताओं को सबक सिखाकर ईमानदार निर्दलीय उम्मीदवार को विधायक बना दें. ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस और अन्य पार्टियों की सरकार बनाने से लोग परहेज करेंगे क्योंकि पहले लोग इनका स्वाद ले चुके हैं.
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