फरीदाबाद के मछगर गांव के वीर सपूत मेजर सतेंदर धनखड़ को उनकी अद्वितीय बहादुरी के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान देश के उन वीर सैनिकों को दिया जाता है जिन्होंने दुश्मनों के विरुद्ध अद्भुत साहस का प्रदर्शन किया हो।
फरीदाबाद के मछगर गाँव के रहने वाले मेजर सतेंदर सिंह धनखड़ जून 2024 में जम्मू कश्मीर के डोडा में एक कम्पनी कमांडर के तौर पर एक आतंकवाद विरोधी अभियान का नेतृत्व कर रहे थे, घने, दुर्गम और अभेद्य जंगलों में आतंकियों के मौजूदगी की सूचना प्राप्त हुई, सूचना मिलते ही मेजर धनखड़ ने अपनी टीम के साथ लक्ष्य क्षेत्र की सघन और सुव्यवस्थित घेराबंदी आरम्भ की, घेराबंदी का आभास होते ही आतंकियों ने मेजर की टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, स्थिति की गंभीरता को समझते हुए मेजर सतेंद्र धनखड़ ने अत्यंत सटीक और निर्णायक प्रतिक्रिया दी और तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया, मेजर धनखड़ ने न सिर्फ आतंकियों को मारा बल्कि अपनी टीम को भी सुरक्षित बचा लिया। इस मुठभेड़ के दौरान मेजर धनखड़ के पैर में गोली भी लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया।
उनकी इस वीरता ने ना सिर्फ सेना का गौरव बढ़ाया, बल्कि फरीदाबाद का भी नाम ऊँचा किया। मेजर सतेंदर के पिता सुरेश चंद धनखड़ गांव में ही रहते हैं। उनके दो भाई हैं, एडवोकेट जितेंद्र सिंह धनखड़ और धर्मेंद्र धनखड़, जो अपने भाई की इस बहादुरी पर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। मच्छगर गांव से लेकर पूरे देश में हर जगह मेजर सतेंदर की शौर्य गाथा गूंज रही है।
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