फरीदाबाद: हरियाणा सरकार ने अरावली को लेकर जो किया एक तरफ़ा किया और सरकार ने जनता के बारे में ज़रा सा भी नहीं सोंचा। सरकार के कारण ही फरीदाबाद और गुरुग्राम की जनता जहरीला प्रदूषण झेल रही है। ये विचार बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एल एन पाराशर ने शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद व्यक्त किये।
पाराशर ने कहा कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को जमकर लताड़ा है। पाराशर के मुताबिक़ अरावली क्षेत्र में निर्माण की इजाजत देने वाले संशोधित कानून के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकारते हुए कहा कि अरावली हिल्स या फॉरेस्ट एरिया को अगर कोई नुकसान हुआ तो हरियाणा सरकार गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
पराशर ने बताया कि शक्रवार को हरियाणा सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन (हरियाणा संशोधन अधिनियम 2019) एक्ट (पीएलपीए) की कॉपी सौंपी गई है और सुप्रीम कोर्ट अप्रैल के तीसरे हफ्ते में में मामले की सुनवाई करेगा। आपको बता दें कि पाराशर ने भी अरावली बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका फ़ाइल की है। शुक्रवार कांत एन्क्लेव और हरियाणा सरकार द्वारा पास किये गए बिल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की पीठ में हरियाणा राज्य सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह अदालत को संतुष्ट करेंगे कि पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (पीएलपीए), 1900 में संशोधन किसी की मदद करने के लिए नहीं किया गया था।
बेंच ने मेहता से कहा। हमें अरावली की चिंता है। हम आपको बता रहे हैं कि यदि आप अरावली या कांत एन्क्लेव (जहां शीर्ष अदालत ने वन क्षेत्र में अवैध निर्माणों के कारण इमारतों को गिराने का आदेश दिया था) के साथ कुछ भी कर रहे हैं तो आप मुसीबत में होंगे। यदि आप जंगल से कुछ भी कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में होंगे। पराशर ने कहा कि अरावली दो दशकों से लगातार उजड़ रही है लेकिन अब कोई इसे नहीं उजाड़ पायेगा। पाराशर ने कहा कि उन्होंने हरियाणा सरकार से अरावली के बारे में कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। मुझे हाल में चला कि हरियाणा सरकार के दिल में खोट था जब सरकार ने पीएलपीए एक्ट में बदलाव का फैसला किया था। पाराशर ने कहा कि सरकार समझती थी कि अरावली को आसानी से माफियाओं को बेंच देगी लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है ऊँट पहाड़ के नीचे आया है। उसे अपनी औकात का पता चल जाएगा।
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