सूरजकुंड(फरीदाबाद)। 33वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हैंडीक्राफ्ट मेले की बुधवार को बड़ी चौपाल में रंगारंग कार्यक्रमों के साथ शुरुआत की गई । बड़ी चौपाल के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में युगांडा के कलाकारों द्वारा उनकी भाषा में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की की प्रस्तुति दी गई।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में दर्शकों को यदि संगीत की भाषा समझ में ना आए तो भी भाव दर्शक अवश्य समझ सकता है। इसके उपरांत राजस्थानी घूमर संगीत अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले के सास्कृति कार्यक्रम लोगों का आकर्षक सोंग रहा। थीम स्टेट महाराष्ट्र के कलाकारों ने गोंडा आदिवासी संस्कृति की प्रस्तुति दी। इस नृत्य के माध्यम से चैत्र माह में नई फसल आने पर तथा शादी ब्याह के शुभारंभ करने पर भगवान का धन्यवाद किया जाता है। इसके अलावा महाराष्ट्र के कलाकारों द्वारा प्रोतराज नृत्य की भी प्रस्तुति की गई। महाराष्ट्र तथा तेलांगना के बॉर्डर पर दीपावली के त्यौहार पर खुशी के साथ 15 दिनों तक यह नृत्य मनाया जाता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत छोटी चौपाल पर पंजाब के कलाकारों द्वारा पंजाबी गीत, शिर्डी साईं बाबा पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक डांस, इन्टर लॉ आफ रिसर्च गांव बैसाना के विद्यार्थियों द्वारा नुक्कड़ नाटक, महाराष्ट्र के कलाकारों द्वारा वीर छत्रपति शिवाजी महाराज की रणनीति पर डांस, सत्यम शिवम पब्लिक स्कूल के छात्रों द्वारा पंजाबी गीद्धा की प्रस्तुति दी गई।
ब्यूवंडी देश के कलाकारों द्वारा ड्रम मैजिक डांस, इथोपिया देश के कलाकारों द्वारा उनकी ही भाषा में डांस तथा सूडान देश के कलाकारो द्वारा उनके राष्ट्रीय डांस की प्रस्तुति ने दर्शकों के मन को मोह लिया। दर्शकों ने भी जी भर कर तालियां बजाकर कलाकारों हौसला बधाइयां दी।
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