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कान्त एन्क्लेव को तोड़ना ही पड़ेगा, सुप्रीम कोर्ट में मर्सी पेटीशन का हम करेंगे विरोध: LN पाराशर

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फरीदाबाद, 14 सितम्बर: अरावली पर अवैध निर्माण के खिलाफ वकील एल एन पाराशर फुल एक्शन में हैं, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिनों पहले अरावली जंगल को चीरकर बनाए गए कान्त एन्क्लेव को ढहाने का आदेश दिया है, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 31 दिसम्बर 2018 तक 1992 के बाद बने सभी निर्माण ढहा दिए जाएं और जिनके घर गिराए जा रहे हैं उन्हें हरियाणा का टाउन और कंट्री प्लानिंग विभाग 50 लाख रूपए का हर्जाना दे. बता दें कि कान्त एन्क्लेव में करीब 1612 प्लाट हैं जिनपर करीब 60 मकान बन चुके हैं. अधिकतर प्लाट बड़े बड़े रसूखदारों के हैं.

वकील पाराशर को जब पता चला कि कान्त एन्क्लेव वाले रसूखदार इस निर्णय के खिलाफ मर्सी पेटीशन दाखिल करने वाले हैं तो उन्होंने कहा कि हम मर्सी पेटीशन का विरोध करेंगे और जरूरी हुआ तो कैविएट पेटीशन या पुनः रिट पेटीशन दाखिल करेंगे, हम किसी भी कीमत पर इसे तुड़वाकर रहेंगे.

वकील पाराशर ने कहा कि हम कान्त एन्क्लेव के अलावा अरावली पर्वत और इसकी घाटी में बने अभी निर्माण, फार्म हाउस और होटल तुडवाने की कोशिश करेंगे क्योंकि इनकी वजह से 20-30 लाख लोग प्रदूषण से मरने को मजबूर हैं.

वकील पाराशर ने कहा कि मेरे पास कई फार्म हाउसों के खिलाफ सबूत आ चुके हैं और कई के आने बाकी हैं, मैंने RTI के जरिये भी प्रशासन से जानकारी मांगी है, अवैध निर्माण के जिम्मेदार अधिकारियों की भी जानकारी मांगी गयी है, जानकारी मिलने के बाद मैं जो भी अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्यवाही करवाऊंगा.
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