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बड़े गुंडों ने किया किडनैप, रेप, बनायी वीडियो लेकिन 10 महीनें से FIR के लिए ठोकरें खा रही पीडिता

A women kidnapped, raped and video recorded about 10 months ago in faridabad but fir not registered till now because accused are high profiled and have political connection
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फरीदाबाद: शहर में कानून व्यवस्था की हालत चरमरा गयी है, महिलाओं को न्याय के मामले में फरीदाबाद पुलिस की छवि दिनों दिन ख़राब होती जा रही है, कल एक रेप पीड़ित महिला ने बल्लभगढ़ महिला थाने में FIR दर्ज ना होने की वजह से जहर खाकर अपनी जान दे दी. आज महिला के साथ अत्याचार का एक और मामला सामने आया है.

एक महिला को 10 महीनें पहले बड़े गुंडों से किडनैप किया, उसके साथ रेप किया और अश्लील वीडियो भी बनायी. महिला को 8 दिनों तक गुंडों से बंधक बनाए रखा, पुलिस के पास जब इसकी शिकायत की गयी तो कोई पुलिस वाला महिला को छुड़ाने को तैयार नहीं हुआ, जब इसकी शिकायत ACP राजेश चेची से की गयी तो उन्होंने सेक्टर 65 क्राइम ब्रांच को फोन करके महिला को बदमाशों के घर से आजाद करवाया.

यहाँ पर हैरान करने वाली बात ये है कि क्राइम ब्रांच की टीम ने खुद महिला को बदमाशों के चंगुल से आजाद करवाया उसके बाद भी बदमाशों के खिलाफ किडनैपिंग की FIR दर्ज नहीं हुई, ऐसा इसलिए क्योंकि बदमाश नवादा गाँव और नीमका के बड़े बदमाश थे जिसपर किसी बड़े नेता का हाथ है, इससे भी हैरानी की बात ये है कि किडनैपिंग के दौरान महिला के साथ दो लोगों ने रेप भी किया, कैद से आजाद होने के बाद जब महिला ने पुलिस से आपबीती सुनायी तो पुलिस ने ना तो महिला का मेडिकल टेस्ट करवाया और ना ही आरोपियों के खिलफ कोई FIR लिखी, ऐसा इसलिए क्योंकि आरोपी बड़े गुंडे थे और उनपर किसी बड़े नेता का हाथ है.

इससे भी हैरानी की बात ये है कि - महिला ने अपने साथ हुई आपबीती तत्कालीन पुलिस कमिश्नर हनीफ कुरैशी से मिलकर भी बतायी, उन्होंने पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए लेकिन उसके बाद भी कार्यवाही नहीं हुई, पीड़ित महिला के पीड़ित पति ने बताया कि उस समय सेक्टर 65 क्राइम ब्रांच वालों ने उसकी मदद करने के बजाय उसे कई थप्पड़ रसीद कर दिए.

खैर हनीफ कुरैशी भी महिला की FIR दर्ज नहीं करवा सके क्योंकि आरोपी बड़े गुंडे थे और उनपर किसी बड़े नेता का हाथ है, महिला और उसका पति हरियाणा के DGP से मिलकर भी न्याय की गुहार की लेकिन उनका आदेश भी फरीदाबाद के पुलिस अफसरों ने नहीं माना क्योंकि आरोपी बड़े गुंडे हैं और उनपर किसी बड़े नेता का हाथ है.

पीड़ित महिला और उसके पति ने अप्रैल महीनें में वर्तमान पुलिस कमिश्नर अमिताभ सिंह ढिल्लों से मिलकर उनसे इन्साफ माँगा, उन्होंने सेक्टर 65 क्राइम ब्रांच को मामले की जांच का आदेश दिया, क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है महिला का किडनैप हुआ था, उन्होने महिला को खुद छुड्वाया था, वह गवाही देते को भी तैयार हैं लेकिन बल्लभगढ़ महिला पुलिस थाने वाले क्राइम ब्रांच वालों को गवाही के लिए बुला ही नहीं रहे हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि आरोपी बड़े गुंडे हैं और उनपर किसी बड़े नेता का हाथ है.

महिला के पति योगिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने आरोपियों से नॉएडा में कोई प्लाट खरीदा था, उन्हें रजिस्ट्री के पेपर भी दिए गए थे लेकिन प्लाट पर उनका कब्जा नहीं दिया गया. उनसे 17 लाख रुपये की मांग की गयी थी, उन्होंने पैसे का इंतजाम किया लेकिन बदमाशों ने उनसे बिना डॉक्यूमेंट दिए ही उनके 17 लाख रुपये छीन लिए, यही नहीं उससे पास मौजूद चेक, उसकी गाडी और अन्य समान भी छीन लिए, उन्हें मारा पीटा और उसे किडनैप करके त्रिखा कॉलोनी के एक घर (ताराचंद के घर) में बंधक बना लिया गया. कुछ देर बाद उसकी पत्नी को भी बंधक बनाकर लाया गया और दोनों को एक कमरे में बंद कर दिया गया.

पहले दोनों को एक ही कमरे में बंधक बनाया गया था लेकिन कुछ देर बाद दोनों को अलग अलग कमरे में बंद कर दिया गया. दो दिन बाद योगिंदर सिंह किसी तरह से वहां से भाग निकला. उसके बाद उसकी पत्नी से दो लोगों ने रेप किया और उसकी वीडियो बना ली.

योगिंदर ने किसी तरह से भागकर अपनी पत्नी के किडनैप होने की जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों को दी लेकिन कोई पुलिस अफसर उसकी पत्नी को छुडाने के लिए तैयार नहीं हुआ क्योंकि आरोपी बड़े गुंडे थे और उनपर किसी बड़े नेता का हाथ है, थक हारकर पीड़ित पति तत्कालीन ACP क्राइम राजेश चेची के पास पहुंचा, उन्होंने तुरंत सेक्टर 65 क्राइम ब्रांच को फोन किया, CIA सेक्टर 65 की टीम ने उसकी पत्नी को बदमाशों से आजाद करवाया लेकिन तब तक उसके साथ रेप हो चुका था लेकिन 8 दिनों तक लगातार बंधक बनाए जाने की वजह से रेप के सबूत मिट चुके थे क्योंकि 24 घंटे बाद रेप की पुष्टि तो हो जाती है लेकिन आरोपियों के खिलाफ सबूत नहीं मिलते, आरोपी इस बात को भली भाँती जानते थे इसलिए महिला को जान बूझकर 8 दिनों तक बंधक बनाए रखा.

गुंडों की कैद से आजाद होने के बाद महिला पुलिस थाने पहुंची और अपना मेडिकल टेस्ट कराने की मांग की लेकिन पुलिस ने उसका मेडिकल टेस्ट नहीं करवाया क्योंकि आरोपी बड़े गुंडे थे और उनपर किसी बड़े नेता का हाथ था, वे पैसे वाले थे. पीडिता का कहना है कि एक बार उसनें स्वयं बीके हॉस्पिटल पहुंचकर अपना मेडिकल टेस्ट करवाया चाहा तो वहां भी किसी का फोन आ गया और उसका मेडिकल टेस्ट नहीं होने दिया गया.

अब पीडिता और उसका पीड़ित पति न्याय पाने के लिए दर दर भटक रहे हैं लेकिन उनकी FIR दर्ज नहीं हुई है, उनके पास कई पुलिस अफसरों के फोन की रिकॉर्डिंग है जिसमें साफ़ साफ किडनैप होने, फोन तोड़े जाने, उसकी कार वापस दिलवाने की बात सुनी जा सकती है लेकिन इतना सब कुछ होते हुए भी आरोपियों और दोषी पुलिस अफसरों के खिलफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है.

पीडिता अब FIR दर्ज करवाने के लिए कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रही है. अब देखते हैं कि कोर्ट उसके साथ न्याय करता है या वहां भी बड़े गुंडे की चलेगी. देखें VIDEO.

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