Faridabad 21 August: आपने फिल्मों में देखा होगा कि जब भी कोई बहादुर पुलिस अफसर बदमाशों की कुटाई शुरू कर देता है तो शहर के बड़े बड़े बदमाश नेताओं और मंत्रियों के पास शिफारिश लेकर पहुँच जाते हैं और नेता पर दबाव बनाकर उस बहादुर पुलिस ऑफिसर का शहर से कहीं दूर बीहड़ में ट्रान्सफर करवा देते हैं, ये तो फिल्मों में होता था लेकिन फरीदाबाद में यह रियल लाइफ में हो रहा है, यहाँ के बीजेपी नेता, विधायक और मंत्री बहादुर पुलिस अफसरों के लिए डॉन बन गए हैं, पिछले दो महीनों में दो ऐसे पुलिस अफसरों का ट्रान्सफर हो चुका है जिनका नाम सुनकर ही शहर के बदमाश कांपने लगते थे। इन अफसरों के नाम हैं पूर्व पुलिस कमिश्नर सुभाष यादव और पूर्व क्राइम ब्रांच चीफ नरेन्द्र चौहान।
सुभाष यादव पिछले वर्ष 2015 के सितम्बर महीने में फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर बनकर आये थे, वे ड्यूटी संभालते ही फरीदाबाद के बदमाशों पर कहर बनकर टूट पड़े, रात में जहाँ भी बदमाश दिखते पुलिस उन्हें पकड़कर सीधा अन्दर कर देती थी, शाराबी अपनी औकात से बाहर आते तो पुलिस उन्हें अन्दर कर देती थी, कोई बदमाश किसी महिला से छेडछाड़ करते देखा जाता तो पुलिस उसे अन्दर कर देती थी, फरीदाबाद में अवैध शराब का धंधा जोरों पर था, सुभाष यादव की दबंगई से शराब माफियाओं को बेचैनी होने लगी, कई शराब माफियाओं पर कार्यवाही भी हुई लेकिन सुभाष यादव फरीदाबाद को अपराध से मुक्त कर पाते इससे पहले बदमाशों ने फरीदाबाद के बड़े बीजेपी नेताओं से मिलकर उनका करनाल में तबादला करवा दिया।
कमिश्नर सुभाष यादव का क्यों कराया गया ट्रान्सफर
सुभाष यादव की गलती सिर्फ इतनी थी कि जब ये बदमाशों को पकड़ते थे और उन्हें छुड़ाने के लिए बीजेपी विधायक फोन करते थे तो वे उनकी सुनते नहीं थे, जब भी ये बदमाशों को पकड़ते थे बीजेपी नेता बदमाशों को अपना आदमी बताकर उन्हें छोड़ने के लिए कहते थे, लेकिन ये बीजेपी विधायकों को मना कर देते थे, जब बीजेपी नेताओं से देखा कि कमिश्नर उनकी बात नहीं मानता है तो उन्होंने आपस में सलाह करके सुभाष यादव का ट्रान्सफर करवा दिया। सुभाष यादव के बाद हनीफ कुरैशी को फरीदाबाद का कमिश्नर बनाकर बीजेपी नेता उन्हें मैनेज कर रहे हैं।
नरेन्द्र चौहान का क्यों हुआ ट्रान्सफर
चौहान के नाम से ही फरीदाबाद के बदमाश थर थर कांपने लगते हैं, फरीदाबाद में दो वर्ष पहले गुंडागर्दी, हफ्ता वसूली, जमीन की जब्जखोरी, चरम पर थी लेकिन नरेन्द्र चौहान को जब से फरीदाबाद क्राइम ब्रांच का चीफ बनाया गया वे अपने फुलफॉर्म में आ गए और बदमाशों की कुटाई शुरू कर दी, धीरे धीरे अपराधियों में दहशत मच गयी, नरेन्द्र चौहान जब भी किसी गुंडे को पकड़ते थे तो उसे ऐसी ऐसी जगह मारते थे कि बदमाश हमेशा उस कुटाई को याद करते थे, पिछले एक साल में फरीदाबाद में बदमाशों द्वारा जमीन की कब्जखोरी विल्कुल बंद है, हाँ फरीदाबाद के बीजेपी नेता जरूर कब्ज़ा कर रहे हैं क्योंकि सरकार ही उनकी है।
जब नरेन्द्र चौहान की कुटाई से फरीदाबाद के बदमाश पूरी तरह से परेशान हो गए, कुछ बदमाश बड़े बड़े बीजेपी नेताओं के सम्बन्धी भी है, उन्होंने बड़े नेताओं से मिलकर नरेन्द्र चौहान का भी तबादला कर दिया और इस तरह से फरीदाबाद शहर ने दो दबंग पुलिस ऑफिसर खो दिए, पहले फरीदाबाद के बदमाश खौफ के साए में जीते थे लेकिन अब वे पूरी तरह से आजाद हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि फरीदाबाद में बीजेपी के तीन विधायक हैं जिनमें से एक संसदीय सचिव हैं और एक कबिनेट मंत्री हैं, इसके अलावा फरीदाबाद के सांसद केंद्र सरकार में राज्य मंत्री भी हैं, इसके बावजूद भी फरीदाबाद का विकास पूरी तरह से थप है, हाँ इन नेताओं में से सभी पर जमीन कब्जाने के आरोप लग चुके हैं, जनता इन नेताओं से निराश हो चुकी है लेकिन ये नेता जनता के मिजाज को समझ नहीं रहे हैं, अब इनके पास केवल तीन साल बचे हैं उसके बाद शायद इन्हें इनकी गलतियों की सजा मिल जाय।
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