फरीदाबाद, 3 अगस्त: जिला बार एसोसिएशन फरीदाबाद के पूर्व प्रधान और शहर के जाने माने वकील एल एन पाराशर ने फरीदाबाद डिस्ट्रिक्ट लीगल सेल अथॉरिटी (DLSA) में काम कर रहे कुछ लोगों की नींद उड़ा दी है, कल हाई कोर्ट के इंस्पेक्टिंग जज आने वाले हैं, वकील एलएन पाराशर अपने कुछ साथी वकीलों सहित इंस्पेक्टिंग जज से मिलकर DLSA में हो रहे करप्शन और करप्ट अधिकारियों की शिकायत करेंगे.
उन्होंने बताया कि भारत सरकार गरीबों को लीगल सेवा उपलब्ध कराने के लिए पैसा देती हैं, इसके लिए कोर्ट में एक सेल की स्थापना भी की गयी है लेकिन इस सेल में भ्रष्टाचार की वजह से गरीबों को उनका हक नहीं मिल रहा है. कल मैं न्यायाधीश से मिलकर भ्रष्ट अधिकारियों का कच्चा चिटठा खोलूँगा.
उन्होंने बताया कि भारत सरकार गरीबों को लीगल सेवा उपलब्ध कराने के लिए पैसा देती हैं, इसके लिए कोर्ट में एक सेल की स्थापना भी की गयी है लेकिन इस सेल में भ्रष्टाचार की वजह से गरीबों को उनका हक नहीं मिल रहा है. कल मैं न्यायाधीश से मिलकर भ्रष्ट अधिकारियों का कच्चा चिटठा खोलूँगा.
वकील एल एन पाराशर ने बताया कि इसमें काम कर रहे लोग फर्जी बिल के माध्यम से सरकारी पैसे की लूट कर रहे हैं. उन्होंने अथॉरिटी का कामकाज देखने वाले रविन्द्र गुप्ता पर भी गंभीर आरोप लगाये. पाराशर ने कहा कि वह बड़े अधिकारीयों की चापलूसी करके मनमाना काम करते हैं, यही नहीं वह कोर्ट में काम कर रहे न्यायिक अधिकारियों को गुमराह भी कर रहे हैं.
वकील पाराशर ने कहा कि अगर DLSA में भ्रष्टाचार ख़त्म हो जाए और कुछ भ्रष्ट लोगों की छुट्टी कर दी जाए तो करीब 100 युवा वकीलों को लाभ मिल सकता है, गरीबों को वकील कोर्ट से ही उपलब्ध कराये जाते हैं. वर्तमान में यह नहीं पता चल रहा है कि लीगल सेल के लोग किसे नियुक्त कर रहे हैं, कितने पैसे में नियुक्त कर रहे हैं, उन्हें बिल किस प्रकार से दिया जाता है, वकीलों की पैरवी और सिफारिश किस आधार पर की जाती है.
उन्होंने बताया कि DLSA में वही होता है तो वकील रविन्द्र गुप्ता चाहते हैं. वह किसी आधिकारिक पोस्ट पर नहीं हैं उसके बाद भी पूरी व्यवस्था को अपनी मर्जी से चला रहे हैं.
उन्होंने DLSA में भ्रष्टाचार की शिकायत HLSA (हरियाणा लीगल सेल अथॉरिटी) से करने का निर्णय किया है. उन्होंने हाई कोर्ट के इंस्पेक्टिंग जज से भी मिलने का निर्णय किया है लेकिन अगर उन्हें इंस्पेक्टिंग न्यायाधीश से नहीं मिलने दिया गया तो वह कल या परसों कोर्ट में काले झंडे भी दिखा सकते हैं.
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