फरीदाबाद: हरियाणा की भाजपा सरकार अपराधियों को जेलों में बंद करके अपराध और भ्रष्टाचार मिटाने के दावे कर रही है लेकिन सबसे बड़ा भ्रष्टाचार और बड़े बड़े घोटाले तो जेलों में हो रहे हैं, फरीदाबाद की नीमका जेल में बहुत बड़े बड़े घोटाले हो रहे हैं, बंदियों को लूटा जा रहा है लेकिन ये पैसा सरकारी खजाने में नहीं बल्कि गैरकानूनी तरीके से जेल के अधिकारीयों और कर्मचारियों की जेबों में जा रहा है.
इस बात के गवाह हम खुद हैं. हम 7 दिनों तक नीमका जेल में रहकर आये हैं. हमनें जेल में हो रही हर करतूत को अपनी आँखों से देखा है.
जेल में सबसे बड़ी करतूत है सरकारी फंड को लूटकर बंदियों को घटिया खाना देना. सरकार हर कैदी पर 161 रुपये के करीब रोजाना खाने पर खर्च करती है लेकिन बंदियों को जिस प्रकार का खाना दिया जा रहा है उसपर हर बंदी पर सिर्फ 20-30 रुपये का खर्च आता होगा. बंदियों को दी जाने वाली हर सब्जी बेश्वाद होती है, हर दाल बेश्वाद होती है, रोटियां कच्ची होती हैं जिसकी वजह से अधिकतर बंदी अपना पैसा खर्च करके खाना खुद बनाते हैं या जेल से मिली सब्जियां और दालों को फिर से टमाटर और प्याज में फ्राई करते हैं.
इसका फायदा कैंटीन वाले उठाते हैं. वहां पर 10 रुपये वाला टमाटर 120 रुपये में बेचकर बंदियों को जमकर लूटा जा रहा है. शिमला मिर्च मंडी में 20 रुपये किलो बिक रही है जबकि जेल में 100-150 रुपये में बेची जा रही है. हर सब्जी का रेट मंडी से कई गुना अधिक रेट में बेचा जा रहा है.
कैश में लेते हैं पैसे
कैंटीन वाले बंदियों से कैश में पैसे लेते हैं इसलिए सरकार की आँखों से बच रहे हैं, इस लूट में बड़े बड़े अधिकारी भी शामिल हैं. मिलाई के जरिये बंदी अपने घरों से किसी तरह से पैसे मंगवाते हैं और जेल के अन्दर कैश में सामान खरीदते हैं. यह पैसे जेल कर्मचारियों की काली जेबों में जा रहा है जिसका सरकार के पास कोई हिसाब किताब नहीं जाता. जब बड़े बड़े अधिकारी जेल का दौरा करने आते हैं तो कैंटीन वाले सस्ती वाली लिस्ट लगा लेते हैं लेकिन जैसे ही अधिकारी वापस जाते हैं फिर से मंहगे सामानों की लिस्ट लगा दी जाती है. ऐसा करके रोजाना 10-20 लाख रुपये का घोटाला हो रहा है.
बड़े बड़े अधिकारियों को चाहिए कि वे बंदी के भेष में जेल में प्रवेश करें और हर करतूत को अपनी आँखों से देखकर जेल में हो रहे भ्रष्टाचार और घोटाले को बंद करवाएं क्योंकि जब बंदी सरकारी कर्मचारियों को ही खुलेआम लूटते हुए देखते हैं तो उनके मन में सिस्टम, सरकार और व्यवस्था के प्रति रोष पैदा होता है और अपराध करने की भावना बढ़ती है.
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