फरीदाबाद: शहर के मशहूर वकील और फरीदाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पाराशर जिले के पत्रकारों की एकता देखकर खुश हो गए हैं. उन्होंने कहा कि हम भी पत्रकारों की एकता का समर्थन करते हैं, हम भी पत्रकारों के साथ हैं और अगर हमारी जरूरत पड़ी तो हम गरीब पत्रकारों का केस फ्री में लड़ने के लिए तैयार हैं.
बता दें कि तीन पत्रकारों पर दर्ज केस के खिलाफ बीजेपी नेता अनीता शर्मा की तरफ से एलएन पाराशर ही पैरवी कर रहे हैं और उनकी ही जोरदार पैरवी की वजह से पत्रकारों को जेल जाना पड़ा लेकिन अब वकील एलएन पाराशर को इसका पछतावा भी हो रहा है. आज शहर के सभी पत्रकारों ने पुलिस, शासन और प्रशासन पर पत्रकारों के उत्पीड़न का आरोप लगाकर बीके चौक पर धरना प्रदर्शन किया जिसका वकील एलएन पाराशर ने भी समर्थन किया.
वकील एलएन पाराशर कर कहना है कि हम दिल से पत्रकारों के साथ हैं लेकिन प्रोफेशन से मजबूर हैं, अनीता शर्मा एक क्लाइंट के रूप में मेरे पास आयीं थीं, मेरी उनकी पहले से कोई जान पहचान भी नहीं थी, मैंने एक वकील के रूप में उनका केस लड़ा लेकिन मैंने शहर के कुछ पत्रकारों - बिजेंद्र बंसल, दीपक गौतम, शुभाष शर्मा के साथ रात में 12 बजे तक बैठकर समझौता कराने की कोशिश भी की, इस मामले में बिजेंद्र बंसल ने भी समझौता कराने का काफी प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्य से यह समझौता हो नहीं सका.
जब वकील एलएन पाराशर से पूछा गया कि जब खबर में अनीता शर्मा का नाम नहीं था तो उन्हें कैसे पता चल गया कि यह खबर उनके लिए लिखी गयी है, बिना नाम वाली खबर में अपना नाम डालकर वह पुलिस के पास क्यों गयीं और पुलिस ने इसकी जांच क्यों नहीं की, कहीं इसके पीछे पब्लिसिटी स्टंट तो नहीं है, कहीं लोकप्रियता पाने के लिए कोई साजिश तो नहीं चल रही है तो इसके जवाब में वकील पाराशर ने कहा कि यह जांच का विषय है, पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए थी, FIR दर्ज करना पुलिस का काम है, अरेस्ट करना पुलिस का काम है, रिमांड पर लेना भी पुलिस का काम है, मेरा काम सिर्फ कोर्ट में अपने क्लाइंट की तरफ से कानूनी पक्ष रखना है. मैं सिर्फ एक वकील के तौर पर कोर्ट में पेश हो रहा हूँ.
वकील एलएन पाराशर ने यह भी कहा कि पत्रकारों का एकजुट होना बढ़िया बात है, हम भी पत्रकारों के साथ हैं, हमें कई सीनियर पत्रकारों के साथ मिलकर मामले को ख़त्म करने की कोशिश की.
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