फरीदाबाद: फरीदाबाद बार एसोसिएशन के प्रधान पद के चुनाव में अश्वनी त्रिखा की हार काफी हैरान करने वाली है क्योंकि अश्वनी त्रिखा को इस पद का सबसे प्रबल दावेदार बताया जा रहा था, किसी से भी पूछो सिर्फ अश्वनी त्रिखा का नाम ले रहा था, उन्हें टक्कर देने वाला कोई दिख ही नहीं रहा था लेकिन अचानक बाजी पलट गयी और बॉबी रावत को वोट देकर वकीलों ने उन्हें बार एसोसिएशन का प्रधान बना दिया.
अश्वनी त्रिखा की हार के पीछे कई कारण हो सकते हैं -
- वकील नहीं चाहते थे कि जिसकी पत्नी विधायक हो उसे प्रधान बनाया जाए या जिसका राजनीतिक दबदबा हो उसे प्रधान बनाया जाए. विधायक सीमा त्रिखा अश्वनी त्रिखा की पत्नी हैं और उनका फरीदाबाद की राजनीति में काफी दबदबा है.
- वकीलों को लगा होगा कि अगर अश्वनी त्रिखा प्रधान बनेंगे तो उन्हें कई केसों में राजनीतिक रूप से प्रभावित करने की कोशिश की जा सकती है इसलिए अश्वनी त्रिखा को प्रधान पद पर नहीं चुना गया
- अश्वनी त्रिखा को हराने के लिए कांग्रेस ने भी पूरी ताकत लगा दी थी, कल खबर आयी थी कि पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप का ऑडियो भी इस चुनाव में घूमता रहा जिसमे पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप सभी वकीलों से अश्वनी त्रिखा को हारने की बातचीत कर रहे थे।
जीते हुए प्रत्याशियों के नाम
विवेक कुमार उर्फ़ बॉबी रावत - अध्यक्ष
मुकेश कुमार वर्मा - वरिष्ट कार्यकारणी सदस्य
विक्की विमला - खजांची
कुलदीप चंदेला - सयुक्त सचिव
अभिषेक गोस्वामी -अपर सचिव
वीरेंद्र भाटी -उपाध्यक्ष
टीका डागर-वरिष्ठ उपाध्यक्ष
जोगिंदर नरवत -सचिव
अश्वनी त्रिखा के बारे में कहा जाता है कि वह काफी अच्छे इंसान और नेता हैं लेकिन सत्ताधारी पार्टी से सम्बन्ध रखने और पत्नी के विधायक होने की वजह से वकीलों ने जान बूझकर उन्हें प्रधान पद पर नहीं चुना, अगर भविष्य में भाजपा सरकार नहीं रही तो वह अगली बार बार एसोसिएशन के प्रधान चुने जा सकते हैं. अश्वनी त्रिखा हार से मायूश होंगे लेकिन उन्हें मायूश नहीं होना चाहिए क्योंकि यह उनकी व्यक्तिगत हार नहीं बल्कि राजनीतिक हार है.
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