Faridabad, 4 August: सिविल अस्पताल में आग लगने पर उस पर कैसे काबू पाया जाए के संबंध में मॉक ड्रिल किया गया। यह मॉक ड्रिल सुरक्षा फायर इंडिया के सुरक्षा कर्मियों ने करके दिखाया। एनएबीएच (NABH) से जुड़ रहे सिविल अस्पताल में उच्च स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आग से बचाव भी एक उपाय है। इससे पहले यहां डिजास्टर मॉक ड्रिल किया जा चुका है। सरकारी अस्पतल में मरीजों के अलावा रोजाना हजारों लोगों को आना-जाना होता है, अगर ऐसे में आग्रि कांड हो जाए और उस पर काबू पाने के लिए पर्याप्त संशाधन व उपकरण न हो या प्रशिक्षित स्टाफ न हो तो बड़ी मात्रा में जान-माल का नुकसान हो सकता है।
सिविल अस्पताल में अग्रिशमन के उपकरण व पानी का तो पर्याप्त स्त्रोत है, लेकिन आग के समय उन्हे कैसे प्रयोग करना है, यह किसी को नहीं आता है। दमकल के पंहुचने से पहले आग पर कैसे काबू पाया जाए, इसका मॉक ड्रिल सुरक्षा फायर इंडिया संस्था ने करके दिखाया। इस मॉक ड्रिल में सिविल अस्पताल के कर्मियों को बताया जा रहा है कि कैसे फायर से बचाव के उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएं और पानी को उपरी मंजिल तक कैसे पंहुचाया जाएं।
सिविल अस्पताल में अग्रिशमन के उपकरण व पानी का तो पर्याप्त स्त्रोत है, लेकिन आग के समय उन्हे कैसे प्रयोग करना है, यह किसी को नहीं आता है। दमकल के पंहुचने से पहले आग पर कैसे काबू पाया जाए, इसका मॉक ड्रिल सुरक्षा फायर इंडिया संस्था ने करके दिखाया। इस मॉक ड्रिल में सिविल अस्पताल के कर्मियों को बताया जा रहा है कि कैसे फायर से बचाव के उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएं और पानी को उपरी मंजिल तक कैसे पंहुचाया जाएं।
सुरक्षा फायर इंडिया के र्दुवेश ने बताया कि आग लगने पर दमकल गाडिय़ों के आने से पहले उस पर काबू करने व अस्पताल भवन में फंसे लोगों को एक सुरक्षित स्थान पर आवाज लगाकर बुलाने की जरूरत होती है। उन्होने बताया कि आग रेलवे स्टेेशन, बैंक या अस्पताल कहीं भी लग सकती है। लेकिन अस्पताल में लाखों लोग होते है। इसलिए उन्होने यहां आग से बचाव का मॉक ड्रिल किया है। ताकि समय रहते जान-माल का बचाव किया जा सकें।
सिविल अस्पताल बीके के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेन्द्र यादव की माने तो यह अस्पताल एनएबीएच (NABH) से जुड रहा है और उच्च स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराना उनका ध्यैय है। इसी के तहत आग से बचाव का मॉक ड्रिल किया गया है। उनके पास पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण व पानी का प्रबंध है। अस्पताल के डाक्टर से लेकर सभी प्रकार का स्टाफ इन्हे प्रयोग करना सीख लें, इसका यहीं ध्यैय है।
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