लीखी गाँव के भट्टे से ईटों की ट्रेक्टर ट्राली लेकर आ रहें पवन सिंह, परवीन, जय सिंह के साथ यह हादसा सुबह के करीब 9 बजे हुआ जिसमें गनीमत यह रही की उस वक़्त वहाँ कोई गाँव का बुजुर्ग अथवा बच्चा मौजूद नहीं था अन्यथा वहाँ से आवागम के दौरान वाहनों को पहले निकल जाने देने के लिए लोग अक्सर यहीं खड़े होते हैं।
गौरतलब हैं कि भवाना में नहर का ये पुल बहुत संकरा हैं जिसपर नहर मे पानी बढ़जाने पर यहाँ पानी पूल के ऊपर से बहता हैं जिसमें तेज बहाव के साथ पानी में बहने के कारण कई बच्चे और एक महिला की मौत भी हो चुकी हैं। आये दिन किसानों के साथ यहाँ हादसे होते रहते हैं।
आसपास के करीब 20 गाँवों के आवागमन के लिए यह पुल बहुत महत्वपूर्ण हैं जिसके चलते लम्बे फेर से बचने के लिये यहाँ के लोग और स्कूल के बच्चे इस पुल का इस्तेमाल करते हैं। अब तक कई दर्जन लोगों को हादसे की चपेट में ले चुका यह पुल सुविधा के नाम पर यहाँ के लोगों के लिए काल का गाल बना हुआ हैं।
स्थानीय लोगों की माने तो अब तक उन्होंने कई बार इसकी शिकायत जिला अधिकारी, सी एम विंडो तथा सबन्धित विभाग के अधिकारियों से की हैं लेकिन अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई हैं।
लोग यहाँ आगरा नहर पर बने अन्य पुलों की तर्ज पर नया बड़ा पुल बनवाने के लिए पलवल में लगे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खुले दरबार में माँग भी उठा चुके हैं। पलवल के मौजूदा विधायक दीपक मंगला उस वक़्त विधायक भी नहीं थे तबसे इलाके के लोगों की यहाँ बड़ा पुल बनवाने की माँग चली आ रही हैं।
विधायक दीपक मंगला ने भी प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर को क्षेत्र की इस बड़ी समस्या से अवगत कराया जिसके चलते हथीन में हुई सीएम की रैली के दौरान पलवल में बनने वाले कई पुलों की घोषणा हुई जिसमें भवाना के पुल का नाम भी आने पर लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन अब फिर कहीं इसकी फायल धूल छान रही हैं।
गाँव के सरपंच की माने तो अभी तक इसके लिए कोई फंड नहीं आया हैं जैसे ही फंड मंजूर होगा पुल बनवाने का काम शुरू करवा दिया जाएगा लेकिन उससे पहले यहाँ से जो लोग अपनी जान जोखिम में डालकर गुजर रहें हैं उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? कौन यहाँ हादसों में जान गंवा चुके लोगों के परिजनों को मुआवजा दिलाएगा? इन सवालों पर बात करने यहाँ कोई जबाबदेही लेने के लिए तैयार नहीं हैं।
Post A Comment:
0 comments: