फरीदाबाद, 26 जून: पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर अफवाहें चल रहीं थीं कि प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना का ट्रीटमेंट होगा और इलाज में 10 - 15 लाख रुपये तक का खर्चा आएगा इसलिए जिन लोगों का 5 लाख रुपये तक का मेडिक्लेम है उसे बढ़वा लें या तीन - पांच हजार रुपये हर महीनें का एक टॉप-अप प्रीमियम ले लें जिसके बाद 15 - 20 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस हो जाएगा और आसानी से कोरोना का इलाज हो जाएगा।
ऐसा लगता है कि इंश्योरेंस कंपनियों ने जान बूझकर इस प्रकार का डर का माहौल बनाया था ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा इंश्योरेंस कराएं। कुछ लोग इन अफवाहों में आकर इंश्योरेंस कवर बढ़वा भी रहे हैं।
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल के अंडर में गठित कमेटी की शिफारिश पर एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1987 के सेक्शन 2 के तहत हरियाणा सरकार ने एक बेहद अहम् फैसला लेते हुए अब प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना बीमारी के इलाज के रेट तय कर दिए हैं जिसके अलावा निजी अस्पताल कोई भी चार्ज वसूल नहीं कर पाएंगे। यह आर्डर जारी कर दिया गया है।
सरकार द्वारा जारी आर्डर में दो तरह के अस्पतालों का जिक्र है - Nabh Non-accredited और Nabh accredited. Nabh Non-accredited अस्पतालों में आइसोलेशन बेड का चार्ज 8000 रुपये रोजाना है जबकि ICU बेड का चार्ज 13000 रुपये रोजाना है और ICU With Ventilator का चार्ज 15000 रुपये रोजाना है। इस चार्ज में हर तरह के लैब इन्वेस्टीगेशन, रेडियोलोजी मॉनिटरिंग, दवा, PPE किट्स और मास्क और अन्य सभी चार्ज भी शामिल है।
इसी तरह से Nabh accredited अस्पतालों में आइसोलेशन बेड का चार्ज 10000 रुपये रोजाना है जबकि ICU का चार्ज 15000 रुपये रोजाना है और ICU With Ventilator का चार्ज 18000 रुपये रोजाना है। इस चार्ज में लैब इन्वेस्टीगेशन, रेडियोलोजी, दवा, PPE किट्स और मास्क का चार्ज भी शामिल है।
यह आर्डर आज 26 जून 2020 से ही लागू हो चुका है और इसका उल्लंघन करने वाले अस्पतालों के खिलाफ IPC की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
Post A Comment:
0 comments: