उन्होंने स्काउट और गाइड को सम्बोधित करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि नशा मनुष्य को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से पतन की ओर अग्रसर करता है। नशा नाश की जङ है। नशा सामाजिक बुराइयों की जङ है, इससे बचाव बारे विशेषकर युवाओं और अन्य लोगों में जागरूकता लाना ही सबसे सफल कार्य है।
शरीर में नशे की पूर्ति के लिए नशा करने वाले व्यक्ति माता, पिता, पत्नी तथा बच्चों के साथ बुरा व्यवहार करते है। समाज में हर नागरिक को शपथ लेनी चाहिए कि वो नशे जैसी घिनौनी बुराई को खत्म करने में अपनी भागीदारी अवश्य सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने कहा कि आज देश के अनेक युवा नशे के आदी हो रहे हैं। नशामुक्ति केंद्रों से नशे के आदी कुछ को तो ठीक किया जा सकता है, परन्तु समाज से खत्म तो केवल सामाजिक जागरूकता में प्रत्येक भारतीय युवा की भागीदारी से ही किया जा सकता है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सहायक सचिव बिजेन्द्र सोरोत, सहायक सचिव पुरुषोत्तम सैनी, डीओसी सरोज बाला, प्रोजेक्ट डायरेक्टर नशा मुक्ति केंद्र जगत सिंह, सुशील कुमार सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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