फरीदाबाद, 18 जून: फरीदाबाद पुलिस का रूप पिछले कुछ हप्तों से बदला हुआ है, जिसे जेल में रहना चाहिए उसे जेल से निकाला जा रहा है और जिसे जेल से बाहर रहना चाहिए, और जो लोग समाज की सेवा करते हैं और जिनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, उन्हें जेल में बंद किया जा रहा है।
शाहजहांपुर निवासी सोनू को 14 जून को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के प्रेस नोट के अनुसार सोनू ने दो गाँवों के झगडे में कार्यवाही करने पहुंची पुलिस टीम पर हमला किया था हालाँकि पुलिस ने अभी मीडिया को इसकी विस्तृत जानकारी नहीं दी है। पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि पुलिस ने इसी वजह से सोनू को गिरफ्तार किया।
सोनू को पुलिस ने गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया, उसका कोरोना टेस्ट कराकर उसे नीमका जेल में बंद कर दिया गया। अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि क्या सोनू का कोई आपराधिक इतिहास था जिसकी वजह से पुलिस ने उसे जेल में बंद करने लायक समझा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपराधियों को भी कोरोना की वजह से जेल से जमानत मिली है और वे बाहर खुलेआम घूम रहे हैं।
सोनू की रिपोर्ट आयी पॉजिटिव, की ख़ुदकुशी
पुलिस का कहना है कि सोनू की कोरोना रिपोर्ट 17 जून को पॉजिटिव आयी है, आज उसने ख़ुदकुशी कर ली है। जाहिर है कि पुलिस यह कहना चाहती है कि कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट की वजह से सोनू ने ख़ुदकुशी की होगी। वैसे आजकल फरीदाबाद पुलिस ही जज बनकर फैसला सुनाने लगी है।
यह भी हो सकता है कि सोनू बेगुनाह रहा है, यह भी हो सकता है कि सोनू ने यह सोचकर ख़ुदकुखी की हो कि उसे बेगुनाह होते हुए भी जेल में बंद किया गया। मतलब कुछ भी हो सकता है लेकिन जांच होने के बाद ही पता चल पाएगा कि सोनू ने ख़ुदकुशी क्यों की होगी।
गांव वालों ने पुलिस टीम पर किया पथराव
पुलिस का कहना है कि सोनू की मौत की सूचना पाकर ग्रामीणों ने जेल के बाहर रोड जाम किया और चौकी के मुलाजिमों पर पथराव किया जिसमें से कुछ जवानो को चोटें आई हैं।
इस केस में जुडिशल मजिस्ट्रेट द्वारा कानूनी कार्रवाई की जा रही है. डेड बॉडी को बीके हॉस्पिटल में रखवाया गया जिसका कल जुडिशल मजिस्ट्रेट की निगरानी में पोस्टमार्टम होगा।
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