फ़रीदाबाद, 7 अप्रैल: गुरुनानक इंजिनीयरिंग सर्विसिस रजिस्ट्रड आफिस-886, सैक्टर 15 ऐ फरीदाबाद के मालिकों कंवरजित सिंह अरोडा, नवनीत अरोडा पार्टनर, व जसलिन अरोडा, विक्रमजीत सिंह अरोडा के खिलाफ सेंट्रल थाने में धोखाधडी, जालसाजी, पैसा हडपने व फर्जी दस्तावेज तैयार करने बारे में IPC 420, 406, 120 B के तहत मुकदमा नंबर - 178 दर्ज किया गया है. ये सभी आरोपी फरार हैं, पुलिस इनकी तलाश कर रही है. ये लोग पीड़िता के करोड़ों रुपये हड़प चुके हैं.
FIR में दी गयी सूचना के अनुसार - मै मकान नं0-1023, सैक्टर-15, फरीदाबाद की रहने वाली हूं। सन् 2015 में मेरे पति को कैंसर था जिनका इलाज अपोलो हॉस्पीटल में चल रहा था और अपोलो हस्पताल में दाखिल थे। कई बार एमरजैंसी के कारण मुझे अपने पति को फॉर्टिज हस्पताल फरीदाबाद में ले जाना पडता था।
कंवरजीत सिंह अपनी माता जी के ईलाज के लिए फोटिज हस्पताल में आता जाता रहता था। वहा उसने हमसे मेलजोल बनाना शुरू किया और उसने मेरे पति के साथ काफी मेलजोल बना लिया । धीरे धीरे यह हमारे घर आना शुरू हो गया । अप्रेल 2015 में मेरे पति की हालत ज्यादा खराब होने के कारण मुझे अपने पति को अपोलो हॉस्पीटल में दाखिल कराना पडा। कंवरजीत सिंह उसकी पत्नी व बच्चे आये दिन मेरे पति से मिलने अपोला हॉस्पीटल आया करते थे। इन चारो लोगो ने मीठी-मीठी बातो से व प्यार भरी बातो से मेरे पति व मुझे अपने वश में कर लिया था।
मै, मेरे बच्चे व पति छोटी-छोटी बात के लिए उनसे सलाह करने लगे दिनांक 21-04-15 को मेरे पति का स्वर्गवास हो गया। ये चारो लोग चौथे तक हमारे घर मे रहे, मेरे पति के क्रियाक्रम में भाग लेते रहे। मेरे पति के मरने के बाद हमारा परिवार बिल्कुल टूट गया था। मेरे पति पैरामाउन्ट इन्ड्रस्टीस के नाम से एक पार्टनरशीप फर्म चलाते थे। मैने कंवरजीत सिंह व उसकी पत्नी से कहना शुरू कर दिया कि अब मेरे पति की मृत्यु के बाद हमारे बिजनेस का क्या होगा क्योंकि मेरे दोनों बेटे मेरे पति की तरह बिजनेस में इतने समझदार नही है कंवरजीत सिंह मुझ को बहकाने लगा कि मै भी आपका बेटा ही हूं। मै सारा बिजनस अनुभव व समझदारी के साथ सभांल लूंगा। मैने कंवरजीत सिंह से कहा हमारी दो फर्म है तो कंवरजीत ने कहा कि मै दोनों फर्मो को संभाल लूंगा थोडे दिनों में कंवरजीत, उसकी पत्नी व दोनों बच्चो ने हमारे घर आ आकर हमें बेवकुफ बनाना शुरू कर दिया कि वह सरकारी कन्सट्रक्शन के ठेके उठाता है, और उसकी गुरूनानक इन्जिनीयरिंग के नाम से पार्टनरशीप फर्म है उसने मुझसे कहा कि आप मेरे साथ काम करो तो मै बडे बडे ठेके लेकर बहुत पैसे कमाएगे।
मेरा परिवार उस वक्त रेलवे के रबर पार्टस बनाते थे। इन चारो ने आकर हमें भहकाया कि हम रेलवे पुल का कन्सट्रक्शन का काम करेगें और जो भी मुनाफा होगा हम बाट लेगें। मैने इनसे पूछा कि इसमें हमें कितना पैसा इन्वैस्ट करना पडेगा तब इसने बताया कि करीब 3-4 करोड रूपये इन्वैस्ट करने पडेगें। उसने कहा कि मै कान्ट्रैक्ट अपनी फर्म के नाम से लूंगा और कान्ट्रेक्ट पूरा होने तक आपको प्रोफिट देता रहूंगा। मै कंवरजीत सिंह पर अंधा विश्वास करने लगी थी ।
मेने अपने दोनो बेटो से कहा कि अब हम कंवरजीत सिंह के साथ मिलकर काम करेगें मेरे बेटे अनमोल ने कंवरजीत व नवनीत अरोडा से कहा कि हमें भी अपनी फर्म में पार्टनर बना लो तो उन दोनो ने मुझे बेफकूफ बनाया कि हमें अपने बच्चो को ऑस्टैलिया भेजना है इसलिए वाईट की ज्यादा इन्कम दिखानी है इन दोनों ने मुझे व मेरे परिवार को यह विश्वास दिलाया कि जब हम बच्चो को विदेश भेज देगें तब हम अनमोल व अनुभव को पार्टनर बना देगें मेरे बेटो ने इस बात का एतराज किया परन्तु इन चारो ने मुझे इतना अपने वश में कर रखा था कि मैने अपने बेटो की बातों पर ध्यान नही दिया और मै इन चारों की बातें मानती चली गई। इन चारो ने हमें विश्वास दिलाया कि जो भी प्रोफिट होगा वह आधा आधा होगा इनकी बातो में आकर हमने अपने परिवार की फर्म पैरामाउण्ट रबर इन्ड्रस्टीज से दिनांक 28-12-2015 को 52 लाख रूपये, दिनांक 30-12-2015 को 20 लाख रूपये, दिनांक 01-11-2016 को 20 लाख रूप्ये तथा दिनांक 25-02-2016 को 12 लाख रूपये गुरूनानक इन्जिनीयरिंग में दे दिये।
इन चारों ने हमें विश्वास दिलाया कि जो भी प्रोफिट होगा वह हमें आधा मिल जाएगा। दिस्मबर 2015 से लेकर मार्च 2019 तक गुरुनानक इन्जिनीयरिंग फर्म ने हुडडा व पी0 डब्लू0 डी0 के कई कोन्टैक्ट किये। मार्च 2016 खत्म होने पर मेरे बेटो ने कवरजीत सिंह व जसलीन से कहा कि जो जो कान्ट्रेक्ट मिले है उसकी जो पैमेंट आई है उसका प्राफिट हमें दे दो तो अचानक से इसने एक करोड रूपये हमारे खाते में ट्रास्फर कर दिये और ये चारों लोग मेरे घर आ गये और मेरे सामने ड्रामा शुरू कर दिया कि आपके लडको को हमपर भरोसा नही है मैने पहले ही कहा था कि 3-4 करोड रूपये की इन्वेस्ट होगी लेकिन ये एक करोड रूपये लगाकर ही हिसाब किताब मांगने लगें है।
मै पूरे तरीके से कंवरजीत सिंह व उसके परिवार के वश में थी मै उसके झांसे में आकर अपने ही बेटो से लडने लगी और मैने गुस्से में अपने बेटो को हिसाब किताब मांगने से मना कर दिया और अपने बेटो से कह दिया कि ये पैसे मेरे पति के कमाये हुए है मै जैसे चाहे वैसे इन पैसो का इस्तेमाल करूंगी। मेरे बेटो ने दिनांक 11-05-2016 को एक करोड रूपये वापिस कर दिये कंवरजीत सिंह ने कहा कि वह अपने आप ट्राजैक्शन घुमाता रहेगा। मेरे कहने पर मेरे बेटे इन लोगो को पैसे देते रहे और चार अलग अलग खातों से 3 करोड 6 लाख रूप्ये मेरे बेटो ने दे दिये जिसमें से 1 करोड 41 लाख रूपये पैरामाउन्ट रबर से थे। 1 करोड 16 लाख रूप्ये बाला जी रबर एण्ड केमिकल व 19 लाख रूपये मेरे बेटे के खाते से और 30 लाख रूप्ये मेरे खाते से थे।
मेरे बेटे बीच बीच में मुझे कहते रहे कि हम बहुत पैसे दे चुके है अब तो हमें पार्टनर बनवा दो कंवरजीत सिंह व उसके परिवार ने मुझे इतना वश में कर रखा था कि मैं अपने बेटो से बार बार यही कहती थी कि कंवरजीत सिंह तुम्हारा भाई है वह कभी भी तुम्हारे साथ गलत नही करेगा। कंवरजीत सिंह ने अपनी बेटी को हमारे ही पैसो से ऑस्टैलिया भेज दिया और हमारे ही पैसो से मौज करने लगा। मेरे दबाव में मेरे बेटे इनके इशारो पर चलते रहे कंवरजीत सिंह हमारे ही पैसो से मौज करने लगा। दिनांक 27-03-2019 को अचानक से कंवरजीत सिंह और उसकी पत्नी ने मेरे बेटो की ओफिस में आने से रोक लगा दी। मेरे बेटो ने जब यह मुझें बताई तब कंवरजीत सिंह व उसकी पत्नी को मैने बुलाया और कंवरजीत सिंह और उसकी पत्नी ने कहा कि हम अब तुम्हारे बेटो के साथ काम नही कर सकतें। मैने इन दोनो से कहा कि तुमने आज तक प्रोफिट का एक रूपया भी नही दिया और अब तुम मेरे बेटो को ओफिस नही आने दे रहे तो कंवरजीत सिंह एक दम से बिगड गया और कहने लगा कि मै अब इनको कुछ नही दूंगा जो करना है करलो मै इनकी बात सुनकर हैरान हो गई तब हमें समझ में आया कि कंवरजीत ने बदनियती से हमारे उपर विश्वास जमाकर पैसा हडप लिया है हमने अपने तौर पर पता किया तो हमें पता चला कि इसने हमारा सारा पैसा ऑस्ट्रेलिया अपनी बेटी के खातें व अन्य किसी फर्जी खाते में ट्रास्फर कर दिया है हमारे बार बार कहने के बावजूद न तो इसने हमारा पैसा दिया और न ही हमारा प्रोफिट दिया।
हमने शहर के कुछ मोजिज व्यक्तियो जैसे कि सुनिल गुलाटी, संजय गुलाटी और ओवराय के साथ मिलकर कंवरजीत सिंह व उसकी पत्नी के साथ कई पंचायते की और इन्होने माना कि हमारा पैसा देना है। और हिसाब किताब करने के बाद हमारे परिवार को 6 करोड रुपये देने को तैयार हो गया कंवरजीत ने 6 करोड रूप्ये का चैक हमारी फर्म पैरामाउन्ट रबर इन्ड्रिस्टीज के नाम से दे दिया और वायदा किया कि चैक बैंक में डालते ही कैश हो जायेगा। हमने चैक बैंक में डाला परन्तुं रकम न होने के कारण चैक बाउन्स हो गया।
हमने कंवरजीत से इस बारे में कहा तो उसने कहा कि मेरे फन्डस ट्रास्फर होने वाले है आप 22 जनवरी 2020 को दोबारा चैक डाल देना। तो हमने दोबारा चैक 22 जनवरी को डलवा दिया परन्तु वह चैक फिर से बाउन्स हो गया यह देखकर हम हैरान रह गये कि इन लोगो ने बडी चालाकी से चैक की स्टॉप पैमेंट करा दी । उपरोक्त चारों लोगो ने हमारा पैसा हडपने के लिए एक सोची समझी साजिश के तहत ओर हमे अपनी फर्म में पार्टनर बनाने व अच्छे प्रोफिट देने का लालच देकर हमारे करोडो रूप्ये हडप लिये है और चैक की पैमेंट भी स्टॉप करा दी अब हमें पता चला है कि इसके दोनो बच्चे कभी फर्म में पार्टनर नही थे और इसने हमारा करोडो रुपये ऑस्टेलिया बैंक में टास्फर कर दिया है।अतः आपसे प्रार्थना है कि उपरोक्त सभी दोषियो के खिलाफ उचित कानूनी कार्यावाही की जाये और मुझे न्याय दिलाया जाये।
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