फरीदाबाद, 3 अक्टूबर: फरीदाबाद में विधानसभा चुनाव आते ही नेता लोग यहाँ वहां पोस्टर लगाकर शहर में गन्दगी फैला देते हैं, इन पोस्टर को चिपकाने में ऐसे ऐसे केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है कि इनको उखाड़ने के समाय पेंट और सीमेंट भी उखड जाता है और सरकारी संपत्ति का नुकसान होता है, दोबारा रंगाई-पुताई कराने में लाखों-करोड़ों रुपये खर्च होते हैं और वो पैसा जनता की जेब से ही निकाला जाता है.
अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार या चुनाव आयोग पोस्टर लगाकर गन्दगी फैलाने वालों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगा। होना तो ये चाहिए कि ऐसे नेताओं को चुनाव लड़ने का अधिकार ही नहीं मिलना चाहिए जो जान बूझकर शहर को गन्दा कर रहे हैं, अगर ऐसे नेताओं के यहाँ जाओगे तो आपको उनके घरों की दीवारों पर एक भी पोस्टर चिपका नहीं मिलेगा क्योंकि इससे उनका घर गंदा हो जाएगा। ये लोग अपने घरों को तो साफ़ सुथरा रखते हैं लेकिन रोड, चौक, पार्क की दीवारों को गन्दा कर देते हैं.
जनता को भी ऐसे नेताओं को सबक सिखाना चाहिए जो पोस्टर लगाकर शहर में गन्दगी फैलाते हैं क्योंकि जो नेता अपने शहर को ही साफ़ नहीं रख सकता वो जनता का काम क्या करवाएगा, जो नेता खुद साफ़-सफाई के प्रति जागरूक नहीं है वो जनता को क्या जागरूक करेगा। देखते हैं कि फरीदाबाद का प्रशासन पोस्टर लगाने वाले नेताओं के खिलाफ क्या कानूनी कार्यवाही करता है.
अगर NIT विधानसभा की बात करें तो यहाँ पर बहुत सारे नेताओं के पोस्टर लगे हैं, सारण चौक पर इनेलो उम्मीदवार जगजीत कौन पन्नू, निर्दलीय उम्मीदवार चन्दर भाटिया आदि नेताओं के पोस्टर लगे हैं.
अगर NIT विधानसभा की बात करें तो यहाँ पर बहुत सारे नेताओं के पोस्टर लगे हैं, सारण चौक पर इनेलो उम्मीदवार जगजीत कौन पन्नू, निर्दलीय उम्मीदवार चन्दर भाटिया आदि नेताओं के पोस्टर लगे हैं.
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