फरीदाबाद: हरियाणा का ईनामी गैंगस्टर कौशल 26 अगस्त को गिरफ्तार करके फरीदाबाद लाया गया लेकिन फरीदाबाद के नए पुलिस कमिश्नर केके राव ने कौशल की गिरफ्तारी की जो कहानी बतायी उसपर पत्रकारों को भी यकीन नहीं हुआ, प्रेस कांफ्रेंस में हर पत्रकार के मन में सिर्फ यही सवाल था कि ऐसा कैसे हो सकता है, जो कौशल दुबई में रहकर गैंग ऑपरेट कर रहा था वह अचानक दिल्ली एयरपोर्ट पर पासपोर्ट की जांच के समय एयरपोर्ट अधिकारियों द्वारा इतनी आसानी से कैसे गिरफ्तार हो सकता है.
बता दें कि पुलिस कमिश्नर केके राव ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया था कि दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों ने पासपोर्ट की जांच के वक्त कौशल को पकड़ा और उसके बाद हरियाणा पुलिस को सूचित किया, उसके बाद STF ने एयरपोर्ट पर जाकर कौशल को गिरफ्तार कर लिया. एयरपोर्ट पर कौशल के पास से कई मोबाइल फोन, दुबई की करेंसी (Dirhams) बरामद हुई. कमिश्नर केके राव ने यह भी नहीं बताया कि जब कौशल दुबई में नहीं रहता था तो उसके बाद से दुबई की करेंसी (Dirhams) कैसे बरामद हुई जिसकी कीमत करीब 14 लाख रुपये की थी.
उससे पहले 17 अगस्त को खबर आयी थी कि कौशल को दुबई में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किया गया जिसके बाद उसे हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया गया. फरीदाबाद से दो पुलिस इंस्पेक्टर उसे दुबई से लाने गए, यह भी पता चला कि फरीदाबाद क्राइम ब्रांच का एक इंस्पेक्टर करीब एक महीनें तक दुबई में रहकर कौशल के लिए फील्डिंग किया, यह भी खबर आयी कि तत्कालीन पुलिस कमिश्नर संजय कुमार भी दुबई गए थे. फरीदाबाद का मीडिया ऐसी ख़बरें छापता रहा लेकिन फरीदाबाद पुलिस ने ख़बरों का खंडन नहीं किया जिसकी वजह से फरीदाबाद की जनता ने वही सच मान लिया लेकिन जब नए पुलिस कमिश्नर केके राव ने अलग कहानी बतायी तो ना ही पत्रकारों को यकीन हुआ और ना ही फरीदाबाद की जनता को यकीन हुआ.
17 अगस्त को जब कौशल की दुबई में गिरफ्तारी की खबर आयी थी तो उस वक्त संजय कुमार फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर थे, सूत्रों से पता चला था कि उन्होंने तुरंत फरीदाबाद के दो इंस्पेक्टरों को कौशल को लाने के लिए दुबई भेजा लेकिन इससे पहले कि कौशल फरीदाबाद आ पाता, संजय कुमार का ट्रान्सफर हो गया, उन्हें कौशल की गिरफ्तारी का क्रेडिट भी नहीं मिला और दुबई गए 2 इंस्पेक्टरों को ना कोई क्रेडिट मिला और ना ही कोई इनाम मिला. नए कमिश्नर केके राव ने कौशल की गिरफ्तारी का पूरा क्रेडिट STF को दिया.
अब सूत्रों के हवाले से ऐसी बातें पता चल रही हैं कि कौशल की वसूली गैंग में गुरुग्राम पुलिस के कई अफसर शामिल थे, कौशल द्वारा फिरौती के रूप में वसूले गए पैसों की बंदरबांट होती थी और ये पैसे कुछ अधिकारियों तक पहुँचते थे और बदले में कौशल की मदद की जाती थी. क्राइम ब्रांच का एक हेड कांस्टेबल राजू जो पहले गुरुग्राम STF में था उसकी गिरफ्तारी भी हो गयी है, राजू की गिरफ्तारी से कुछ और पुलिस अफसरों के कौशल गैंग में शामिल होने का शक गहरा रहा है.
सूत्रों से मिली ये सभी बातें 10 लाख लोगों द्वारा चुने गए फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर तक पहुँच गयी हैं, फरीदाबाद की जनता को कौशल की गिरफ्तारी का सच बताना कृष्णपाल गुर्जर की ना सिर्फ जिम्मेदारी है बल्कि ड्यूटी भी है क्योंकि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो जनता की रक्षा कौन करेगा, जब पुलिस अफसर ही गैंगस्टर की वसूली गैंग में शामिल हो जाएंगे तो विकास चौधरी जैसे नेता मारे जाते रहेंगे.
सूत्रों से खबर मिली है कि कृष्णपाल गुर्जर ने अपनी जिम्मेदारी को समझा है और अब वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलाकर कौशल की गिरफ्तारी के बारे में पुलिस की कहानी से भी अवगत कराएंगे और उनके पास इससे सम्बंधित जो रिपोर्ट है उससे भी अवगत कराएंगे. सूत्रों द्वारा पता चला है कि मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के पास कौशल की गिरफ्तारी की असली रिपोर्ट है और उनके पास यह रिपोर्ट भी पहुँच चुकी है कि गुरुग्राम पुलिस के कौन कौन इंस्पेक्टर और अन्य उच्च अधकारियों के पास कौशल द्वारा वसूले गए पैसों का कमीशन पहुँचता था. मंत्री कृष्णपाल ये सभी बातें मुख्यमंत्री को बताएंगे और उनसे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग करेंगे ताकि हरियाणा की जनता को असली कहानी भी पता चल जाए और रक्षक के भेष में भक्षकों पर कार्यवाही भी हो जाए.
क्यों सामने नहीं आ रहा सच
यह भी हो सकता है कि पुलिस कमिश्नर केके राव को असली बात बतायी ही ना गयी हो. यह भी हो सकता है कि हरियाणा पुलिस की बदनामी से बचाने के लिए सच छुपाया जा रहा हो क्योंकि DCP आत्महत्या मामले में पुलिस की काफी फजीहत हुई थी. विकास चौधरी हत्याकांड की CBI जांच करवाकर सच से पर्दा उठाया जा सकता है और वसूली गैंग को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सकता है.
क्यों सामने नहीं आ रहा सच
यह भी हो सकता है कि पुलिस कमिश्नर केके राव को असली बात बतायी ही ना गयी हो. यह भी हो सकता है कि हरियाणा पुलिस की बदनामी से बचाने के लिए सच छुपाया जा रहा हो क्योंकि DCP आत्महत्या मामले में पुलिस की काफी फजीहत हुई थी. विकास चौधरी हत्याकांड की CBI जांच करवाकर सच से पर्दा उठाया जा सकता है और वसूली गैंग को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सकता है.
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