फरीदाबाद, 27 सितम्बर: भाजपा ने हरियाणा में अबकी बार 75 पार का नारा दिया है लेकिन 75 सीटें जीतना टेढ़ी खीर साबित हो सकती है. फरीदाबाद में अगर मौजूदा विधायकों को टिकट दी जाय तो भाजपा 1 या दो सीट ही निकाल सकती है लेकिन अगर भाजपा कड़े फैसले लेकर फ्रेश, युवा, मेहनती और पढ़े लिखे उम्मीदवारों को टिकट दे तो फरीदाबाद जिले की 6 सीटों में से भाजपा कम से कम 5 सीटें जीत सकती है.
NIT-86 विधानसभा - कौन जिताऊ उम्मीदवार
यहाँ से नगेंदर भड़ाना विधायक हैं. पिछली बार उन्हें इनेलो पार्टी से जीत मिली थी लेकिन क्षेत्र का विकास करने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी से बिना इस्तीफ़ा दिए भाजपा के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया, मनोहर सरकार ने उन्हें अच्छे खासे पैसे भी दिए लेकिन शायद वह प्लानिंग के तहत काम नहीं कर पाए जिसकी वजह से कॉलोनियों की जनता उनसे नाराज हो गयी. डबुआ कॉलोनी, पर्वतिया कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, 60 फीट रोड, नंगला, हर जगह जलभराव की समस्या है. इन क्षेत्रों की हालत ऐसी हो गयी है कि लोग स्मार्ट सिटी के नाम से हँसते हैं. हो सकता है कि नगेंदर भड़ाना ने विकास कराने की पूरी कोशिश की हो लेकिन प्लानिंग में कुछ ना कुछ कमीं जरूर रह गयी जिसकी वजह से जनता में खासी नाराजगी है, अगर आज इन क्षेत्रों का दौरा किया जाए तो हर तरफ गड्ढे, खुदी हुई गलियां, ही दिखती है, अगर ये सब काम चुनाव से पहले पूरे हो जाते तो जनता को परेशानी नहीं होते लेकिन जनता की परेशानी का ख्याल ही नहीं रखा गया. यहाँ पर पैनल में दूसरे नंबर पर यशवीर डागर हैं जो पिछली बार नगेंदर भड़ाना से हार गए थे, लेकिन जनता इस बार उन्हें आशीर्वाद दे सकती है क्योंकि जनता यह समझ गयी है कि अगर पिछली बार उन्होंने भाजपा उम्मीदवार चुना होता तो सरकार के साथ तालमेल बिठाने में दिक्कत नहीं आती और तेजी से विकास होता. यशवीर डागर को टिकट देकर भाजपा इस बार यह सीट जीतने का प्रयास कर सकती है. यशवीर डागर को टिकट देने से दो फायदे होंगे, 6 सीटों के पैनल में वह इकलौते जाट नेता है . अगर उन्हें टिकट मिलती है तो पृथला विधानसभा के करीब 45000 जाट वोटर्स पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा, अन्य जाट वोटर्स भी जिले में कम से कम एक जाट विधायक जरूर देखना चाहेंगे. तीसरे नंबर पर नीरा तोमर हैं
पृथला विधानसभा
यहाँ से टेकचंद शर्मा विधायक हैं, पिछली बार उनकी बसपा के टिकट पर जीत हुई थी लेकिन अब वो भाजपा में शामिल होकर टिकट मांग रहे हैं लेकिन मायावती ने इस सीट से ब्राह्मण उम्मीदवार उतारकर ना सिर्फ उनसे बदला लिया है बल्कि भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है. भाजपा सोच रही है कि अगर यहाँ से ब्राह्मण को टिकट दिया तो वोट आपस में कटेंगे और इसका फायदा कोई और उठा ले जाएगा. अब यहाँ से किसी राजपूत को टिकट देने पर चर्चा चल रही है. सोहनपाल छोकर या नयनपाल रावत को टिकट दी जा सकती है. सोहनपाल छोकर संगठन में महामंत्री और कृष्णपाल गुर्जर के करीबी हैं, वह पढ़े लिखे भी हैं इसलिए उन्हें टिकट मिलने की अधिक संभावना है.
बल्लभगढ़ विधानसभा
यहाँ से मूलचंद शर्मा, गोपाल शर्मा और शारदा राठौर का नाम केंद्रीय समिति के पास भेजा गया है. वर्तमान विधायक के खिलाफ काफी नाराजगी है, इसलिए यहाँ से टिकट बदलने की चर्चा चल रही है. गोपाल शर्मा या शारदा राठौर दोनों जिताऊ उम्मीदवार साबित हो सकते हैं. जनता किसी नए चेहरे को वोट देना पसंद करेगी.
तिगांव विधानसभा
यहाँ से देवेन्द्र चौधरी, सुधीर नागर सरपंच और राजेश नागर का नाम पैनल में है. पहले ऐसी खबर आयी थी कि मंत्री और सांसद के परिजनों को टिकट नहीं दिया जाएगा, यहाँ से राजेश नागर भी सीट निकालने का दावा कर रहे हैं हालाँकि देवेन्द्र चौधरी का नाम फिर से चर्चा में आ गया है.
फरीदाबाद-89 विधानसभा
यहाँ से विपुल गोयल, नरेंद्र गुप्ता, अजय गौड़ का नाम पैनल में है. विपुल गोयल को टिकट मिली तो आराम से सीट निकाल सकते हैं.
बड़खल विधानसभा क्षेत्र
यहाँ से विधायक सीमा त्रिखा, धनेश अदलखा, परवीन बत्रा जोशी का नाम पैनल में है, तीनों में से किसी को टिकट दी गयी तो सीट जीतने में बहुत मुश्किल होगी क्योंकि विधायक के खिलाफ नाराजगी है, धनेश अधलखा बाहरी हैं और सिर्फ पंजाबी होने के नाते सीट पर दावा ठोंक रहे हैं और परवीन बतरा जोशी को अधिकतर लोग जानते ही नहीं हैं. अगर यहाँ से किसी पार्षद जैसे हेमा बैसला या कैलाश बैसला को टिकट दी जाती तो सीट निकल सकती थी लेकिन इन लोगों का नाम पैनल में है ही नहीं. यह सीट भाजपा के लिए खतरे में रहेगी.
जिताऊ दावेदारों की लिस्ट
1. NIT विधानसभा - यशवीर डागर
2. पृथला विधानसभा - सोहनपाल छोकर
3. बल्लभगढ़ विधानसभा - गोपाल शर्मा या शारदा राठौर
4. तिगांव विधानसभा - देवेन्द्र चौधरी या राजेश नागर
5. फरीदाबाद-89 विधानसभा - विपुल गोयल
6. बडखल विधानसभा - हारने का खतरा
जिताऊ दावेदारों की लिस्ट
1. NIT विधानसभा - यशवीर डागर
2. पृथला विधानसभा - सोहनपाल छोकर
3. बल्लभगढ़ विधानसभा - गोपाल शर्मा या शारदा राठौर
4. तिगांव विधानसभा - देवेन्द्र चौधरी या राजेश नागर
5. फरीदाबाद-89 विधानसभा - विपुल गोयल
6. बडखल विधानसभा - हारने का खतरा
Sharda rathor no for Moolchand Sharma
ReplyDeleteएनआईटी 86 और बडकल 87 का सर्वे जमीनी स्तर का सर्वे नहीं है जनता का सर्वे नहीं है, जनता जो चाहती है वह सामने होगा l
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